लखनऊ। तम्बाकू के हर उत्पाद पर कर बढ़ाना जन-स्वास्थ्य के लिए हितकारी नीति है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भी प्रमाणित है कि इससे न केवल तम्बाकू उपयोग दर में गिरावट आएगी बल्कि विकास के लिए आर्थिक राजस्व भी सरकार को मिलेगा। अधिकांश लोग बालावस्था या युवावस्था से तम्बाकू का सेवन शुरू करते हैं, जो अपनी दैनिक आय का एक बड़ा हिस्सा तम्बाकू व अन्य नशे पर खर्च कर देते हैं। ऐसी स्थिति में तम्बाकू के सभी उत्पादों पर कर बढ़ाये जाने की जरूरत है। यह बात स्वास्थ्य को वोट अभियान के निदेशक राहुल द्विवेदी ने शनिवार को राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, होप इनिशिएटिव तथा आशा परिवार के संयुक्त तत्वावधान में इंदिरानगर आयोजित कार्यक्रम में कही।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार की हाल ही में जारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के अनुसार गैर-संक्रामक रोगों से हो रही असामयिक मृत्यु को 2025 तक 25 प्रतिशत कम करना है। अधिकांश जानलेवा गैर संक्रामक रोग जैसे कि ह्मदय रोग और पक्षघात, कैंसर, दीर्घकालिक श्वास रोग आदि का एक बड़ा कारण है तम्बाकू। यदि तम्बाकू सेवन कम नहीं होगा या समाप्त नहीं होगा तब तक असामयिक मृत्यु दर कम कैसे होगा और सरकार कैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के लक्ष्य पूरे करेगी।