बीती रात डॉक्टर की लापरवाही के चलते 12 साल की बच्ची की मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि मरीज को दो दिन से डाक्टर देखने नहीं आए थे। हालत ग भीर पर ग भीर होती गयी लेकिन डाक्टरों ने एक बार भी मरीज को देखना जरूरी नहीं समझा नहीं समझा डाक्टर अगर मरीज की हालत को लेकर लापरवाही नहीं करते तो बच्ची बच जाती।
सीतापुर निवासी मोहनी मौर्या को 15 मई को पीलिया के चलते भर्ती किया गया था। मोहनी की मौसी छाया शर्मा ने बताया कि भर्ती करने के बाद से एक बार भी डाक्टर देखने नहीं आए। भर्ती करते वक्त डाक्टर ने बच्ची का देखा था उसके बाद हम जब जब डाक्टर के आने की बात करते तब हमको नर्स डाट कर भगा देती। बस ग्लूकोज चढ़ता रहा और मोहनी की मौत हो गयी।
जब तीमारदार नर्स से मोहनी की ग भीर हालत के बारे में बताते तो वह उसको कंपोज का इंजेक्शन लगाकर चली जाती, जिसकी वजह से मरीज सो जाता। यह प्रक्रिया पूरे दो दिन चलती रही और आखिरकार मरीज की मौत हो गई।
मोहनी मौर्या के बारे मे पता लगाया जा रहा है। डाक्टरो ने लापरवाही की होगी तो कार्यवाही की जाएगी।