लखनऊ – राजधानी को टीबी मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे 10 दिवसीय अभियान में पहले जिला टीबी अधिकारी डॉ बीके सिंह ने राजेन्द्र नगर टीबी अस्पताल से टीम को हरी झन्डी दिखा कर रवाना किया। जिसमें 265 टीमों सहित आशा, एएनएम, वॉलेन्टियर औऱ नवयुग इन्टर कॉलेज के बच्चों ने लिया भाग। अभियान के पहले दिन 53 से 55 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई। वरिष्ठ टीबी प्रयोगशाला परिवेक्षक लोकेश कुमार वर्मा ने बताया कि अभियान के पहले दिन 5 प्रतिशत लोगों में टीबी के लक्षण पाए गए, इन टीबी के मरीजों में पल्मोनरी टीबी (फेफड़े में टीबी की बीमीरी के लक्षण) और एक्सट्रा पल्मोनरी टीबी (गिलटी की टीबी, हडडी में टीबी की बीमारी, और खून में टी टीबी की बीमारी) के लक्षण पाए गए।
इसके साथ साथ जिला टीबी अधिकारी डॉ. बीके सिंह और वरिष्ठ उपचार परिवेक्षक अभय चन्द्र मित्रा और डब्ल्यूएचओं के सलाहकार डॉ उमेश त्रिपाठी के नेतृत्व में राजेन्द्र नगर से मलिन बस्तियां, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए टीएसएम मेडिकल कॉलेज आमौसी तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2025 तक देश को टीबी मुक्त किए जाने के लक्ष्य को पूरा किए जाने के लिए जागरूकता बाइक रैली भी निकाली गई।
इसके अलावा जिला टीबी अधिकारी डॉ बीके सिंह ने बताया कि लखनऊ को टीबी मुक्त राजधानी बनाने के लिए 2 और सीबीनेट लैब तैयार की गई है, इस लैब की मदद से जो सैम्पल जांच के लिए 3 महिने के लिए बाहर जाता है और मरीजों को रिपोर्ट मिलने में 3 महिने लग जाते है। वो जांच अब 2 घण्टे में हो जाएगी और रिपोर्ट भी मिल जाएगी। वर्तमान समय में 2 सीबीनेट लैब कार्यरत है, एक राजेन्द्र नगर टीबी अस्पताल में और एक केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेन्ट में। इसके अलावा दो और नयी सीबीनेट की लैब तैयार हो गयी है, एक ठाकुरगंज टीबी अस्पताल में लगेगी और दूसरी श्यामा प्रसाद मुर्ख्जी अस्पताल में लगेगी।
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