लखनऊ। टीबी अस्पताल (क्षय रोग एवम संयुक्त चिकित्सालय) आने वाले मरीजो को अब आंख, हड्डियों और मांसपेशियों के दर्द से भी छुटकारा मिलेगा। इसके लिए अस्पताल आधुनिक सुविधाओ से युक्त मशीनें लगाई है। इन मशीनों के लगने से यहां आने वाले मरीजो को अब हड्डियों और आंखो की जांच के लिए इधर से उधर नही भटकना पड़ेगा।
टीबी अस्पताल का नाम लोगो में सिर्फ टीबी की बीमारियो के लिए जाना जाता था। जिस वजह से लोग यहां सिर्फ टीबी का ही इलाज कराने आते थे। सभी तरह के मरीजों का इलाज मुहैया कराने के लिए इस अस्पताल का विस्तार किया गया और इसका नाम टीबी अस्पताल के स्थान पर संयुक्त अस्पताल रख दिया गया।
टीबी अस्पताल अब देगा हड्डी के दर्द से निजात –
सभी तरह का इलाज मुहैया कराने के बाद यहां आनें वाले मरीजो मे इजाफा हुआ और रोजाना यहां 300 से 400 सौ लोगों की ओपीडी होती है। यहां आने वाले मरीजो में बड़ी संख्या में हड्डी और मांसपेशियो के साथ आंखो की बीमारी के मरीज भी आते हैं। इन मरीजो को जांच के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल से भटकना पड़ता था। लेकिन अब इन मरीजो की जांच के लिए अस्पताल में फिजियोथेरेपी यूनिट शुरू की गयी है। इसके साथ ही आंखो मे हो रही बीमारियों की जांच के साथ चश्मा टेस्ट करने की भी व्यवस्थ शुरू की गयी है।
अस्पताल के सीएमएस डॉ. आनंद बोध ने बताया कि अभी तक फिजियोथेरेपी के लिए मरीजों को बलरामपुर व केजीएमयू रेफर किया जाता था। मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल में फिजियोथेरेपी यूनिट और आंखो की जांच के लिए यूनिट तैयार की गयी है। 30 से 40 मरीजों का फिजियोथेरपी यूनिट और नेत्र यूनिट में इलाज और जांच के लिए आतें है। फिजियोथेरेपिस्ट और एक नेत्र सर्जन की नियुक्ति हुयी है। ओटी न होने के कारण अभी हम आंखो का आपरेशन नही शुरू का पा रहे है।
ये मशीनें आ रही हैं –
डॉ. आनंद ने बताया कि मांसपेसियों में सूजन को कम करने के लिए डायथेरेमी मशीन लगाई जा रही है। हड्डियों से जुड़ी बीमारियों के लिए ट्रैक्शन मशीन आ गई है। सीपीएम मशीन,हॉट वेब, शोल्डर वहील और मसल स्टीयूम्लेटर समेत दूसरी जरूरी मशीने लगाई गयी हैं।
टीबी अस्पताल में सभी तरह की बीमारियों का इलाज मिले इसके लिए दो करोड़ रुपए के उपकरण आदि खरीदे गए हैं। इनमें बेड, आईसीयू, फिजियोथेरेपी यूनिट, आंखो की जांचो की मशीने समेत दूसरी मशीने भी शामिल है।