टीबी में इंडियन सांइटिस्टों की तकनीक को डब्ल्यूएचओ का समर्थन

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न्यूज। डब्ल्यूएचओ ने टीबी आैर मल्टीड्रग प्रतिरोधी टीबी का पता लगाने के लिए इंडियन सांइटिस्टों द्वारा विकसित एक तकनीक का समर्थन किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरूवार को यह बात कही।
डब्ल्यूएचओ के वैश्विक टीबी कार्यक्रम में ट्रू नैट टीबी परीक्षण शामिल है जो करीब 90 मिनट में टीबी अैर रिफैंपिसिन दवा के प्रतिरोध की जांच करता है।

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आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव के अनुसार डब्ल्यूएचओ द्वारा तकनीक को समर्थन देने से निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के देश टीबी तथा रिफैंपिसिन प्रतिरोध के लिए ट्रू नैट खरीद सकते हैं आैर इस तरह विकासशील देशों में इस बीमारी के उन्मूलन की दिशा में सहयोग कर सकते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”ट्रू नैट जांच किट जीनएक्सपर्ट की तुलना में बहुत ही किफायती है आैर बिना वातानुकूलित प्रयोगशाला के इसका इस्तेमाल क्षेत्रीय केंद्रों में हो सकता है, क्योंकि यह बैटरी से चलता है आैर यह बैटरी सौर ऊर्जा से चार्ज हो सकती है।

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