न्यूज डेस्क। कार्डियक मरीजों को आमतौर पर खुद को स्वस्थ रखने के लिए डाक्टरों के निर्देश पर कई सावधानियां बरतनी पड़ती है, लेकिन यदि कार्डियक मरीज अवसाद आैर चिंता से पीड़ित हो जाते है तो उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। एक अध्ययन में देखा गया है कि कार्डियक मरीजों में से लगभग एक तिहाई लोगों में अवसाद आैर चिंता के लक्षण मौजूद हैं , जिससे कारण उनमें कार्डियक आैर अन्य प्रतिकूल प्रभावों का खतरा बढ जाता है।
अमेरिका में मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के क्रिस्टोफर सेलानो ने कहा कि हृदय रोग के मरीजों में अवसाद आैर चिंता की स्थिति बनी रहती है। उनमें कार्डियक दिक्कत धीरे- धीरे बढ़ती जाती है। क्रिस्टोफर सेलेनो ने कहा , जिन लोगों के दिल ने ठीक से काम करना बंद कर दिया है आैर उनमें मनोवैज्ञानिक बीमारी के लक्षण भी है ,तो ऐसे में मनोवैज्ञानिक बीमारी का निदान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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