लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में आठ महीने के शिशु की मौत पर आक्रोशित परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया, तो डाक्टरों ने परिजनों ने अभद्रता की और गार्डो ने मोबाइल छीन लिया। परिजनों का आरोप है कि इसके बाद गार्डो ने उन्हें धक्का मार कर बाहर निकाल दिया। केजीएमयू के वरिष्ठ प्रवक्ता डा. संदीप तिवारी का कहना है कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई, वह सभी हंगामा कर रहे थे तो गार्डो ने समझाने का काम किया था।
देवरिया निवासी आनंद का आठ महीने के शिशु बीमार होने पर स्थानीय स्तर डाक्टरों से इलाज कराया। स्थानीय डाक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए केजीएमयू रेफर कर दिया। ट्रामा सेंटर में भर्ती करके पीडियाट्रिक विभाग में इलाज शुरु हो गया। परिजनों का आरोप है कि यहां पर जब शिशु आया था तब उसकी हालत स्थिर बनी हुई थी। भर्ती के लगभग दो घंटे बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। परिजनों का कहना है कि शिशु के साथ मां ने जब हालत बिगड़ने पर डाक्टरों को बताया, तो डाक्टरों ने आक्रोशित हो कर कहा कि जब हालत ठीक होती तो यहां लेकर ही क्यों आते।
परिजनों ने डाक्टरों से मानमनौव्वल करके कहा कि मां है तो कुछ भी बोल देगी। परिजनों ने स्थानीय परिचतों को घबरा कर बुला लिया। परिचितों ने जब डाक्टरों से बात करना चाहा तो गार्डो को बुला लिया गया। इस बीच शाम सात बजे के आस-पास मौत हो गयी, तो परिजनों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। आरोप है कि इस पर वहां पर मौजूद गार्डो ने धक्का मुक्की करते हुए बाहर निकाल दिया।
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