लखनऊ । लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर मवई चौराहा से करीब 20 किलोमीटर दूर कांडई गांव के बच्चो ने प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चला कर गांव की गलियों को प्लास्टिक मुक्त करने में सफलता हासिल की है।
यह बच्चे क्यूसी शिक्षा केंद्र (अनौपचारिक स्कूल) में पढ़ते हैं और अक्टूबर २०२४ में इन्होने प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलना शुरू किया था। इन केंद्रों को गांव के लोग चलाते हैं जो अपने परिसर, समय और मेहनत से स्वैच्छिक रूप से काम करते हैं। ये केंद्र कक्षा 5 तक के बच्चों को शिक्षा देते हैं। बच्चों को कोई फीस नहीं देनी पड़ती। इन केंद्रों की शुरुआत 2017 में हुई थी। श्री अरविन्द कौल का काम स्वयंसेवकों को हफ़्ते-दर-हफ़्ते, महीने-दर-महीने, साल-दर-साल प्रेरित रखना है। 2020 से बच्चे प्रकृति के प्रति प्रेम पैदा करने, अपने लिए फल उगाने और अपने पर्यावरण और जलवायु को थोड़ा और अनुकूल बनाने के प्रयासों में पेड़ लगा रहे हैं।
अक्टूबर 2024 में उन्होंने प्लास्टिक कचरे के खिलाफ अभियान शुरू किया था। योजना शुरू होने से पहले बच्चों को प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूक किया गया। मार्च 2025 में बच्चों को प्लास्टिक रिसाइकिलिंग लोगो के साथ विशेष रूप से छपे बैग दिए गए थे, ताकि वे प्लास्टिक कचरा और पॉलीथीन कैरी बैग इकट्ठा कर सकें और उन्हें केंद्रों तक ला सकें। केंद्रों से वे रिसाइकिलिंग के लिए जाते हैं।
माताओं ने भी इन बैगों को घर के प्लास्टिक कचरे/रैपर को रखने के लिए उपयोगी पाया। बच्चों ने उन्हें अपने घरों के आस-पास से प्लास्टिक कचरा/रैपर/पॉलीथीन कैरी बैग इकट्ठा करने के लिए उपयोगी पाया। आज गांव के रास्ते एकदम साफ-सुथरे हैं। घरों और गाँव के रास्तों के आस-पास किसी भी तरह का प्लास्टिक पॉलीथीन/कूड़ा नहीं था।