लखनऊ। चिनहट पुलिस ने ठेका पर लूट करने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपी गैंग के सरगना के कहने पर लूट करते थे, जिनके एवज मंे इन्हें मोटी रकम मिलती थी। इनके पास से लूटे हुए चेन, मोबाइल समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। पुलिस का कहना है कि सरगना ने कई जिलों में अपना जाल बिछाया है, जिसके जरिये वह लूटपाट कराता है।
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर चिनहट पुलिस ने गुरूवार रात्रि चिनहट तिराहे पर घेराबन्दी कर ली थी। कुछ ही देर में मौके मोटरसाइकिल सवार दो युवक पहुंच गए चैराहे पर भारी पुलिस बल देख आरोपी फरार होने लगे। इस पर पुलिस ने आरोपियों को दौड़ाकर दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम काकोरी बेगरिया खेड़ा दुबग्गा निवासी विकास उर्फ नकचू और उन्नाव मवई धमियाना औरास निवासी मुन्नू बाबू बताया है। आरोपियों के कब्जे से सोने की 5 चेन, 3 मोबाइल फोन, नगदी और बाइक बरामद की है।
एसएसपी के अनुसार आरोपियों के कब्जे से बरामद हुई सोने की चेन और मोबाइल फोन आरोपियों ने राजधानी के विभिन्न इलाकों से लूटे थे। आरोपियों से अन्य जानकारियां हांसिल कर पुलिस ने उन्हें जेल रवाना किया है। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि आरोपी विकास 2016 में कानपुर नगर के थाना हरिबंश मोहाल से किशोरी के साथ छेड़छाड के आरोप में जेल की सजा काट चुका है। आरोपी कुछ समय पहले जेल से जमानत पर छूटकर आया था।
वारदात का समय और जगह बताता था सरगना
पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पीछे एक बड़े गैंग का हांथ है। गिरोह का संचालक कान्ट्रैक्ट देकर लूट की वारदातें करवाता था। गिरोह के मास्टर माइण्ड का जाल राजधानी समेत, सीतापुर बाराबंकी समेत अन्य जनपदों में फैला हुआ है। हर जिले में गिरोह के सदस्य अलग-अलग हैं। ताबड़तोड वारदातों को अंजाम देने के बाद लुटेरे गैर जनपद चले जाते थे।
नही जानते थे एक दूसरे को
बताया जा रहा है कि गिरोह का मास्टर माइण्ड ही लूट के लिए जगह और समय निश्चित करता है। मास्टर माइण्ड ही वारदात को अंजाम देने वाले युवकों के नाम तय करता है। पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरोह के सदस्य एक दूसरे को पहले से नहीं जानते हैं। टारगेट निश्चित होने पर गिरोह के सदस्य वारदात को अंजाम देकर लौट आते हैं। मेहनताना मिलने के बाद सभी अपने-अपने रास्ते निकल जाते हैं।
लूट के हिरासब से मिलता था मेहनताना
सूत्रों की मानें तो मास्टर माइण्ड गिरोह के सदस्यों को लूटी गई ज्वैलरी के वजन के हिसाब से मेहनताना देता है। बताया कि वजनदार चने लूट कर लाने वाले को मोटी रकम दी जाती है, जबकि हल्की चेन लाने वाले को ज्वैलरी की कीमत के हिसाब से मेहनताना दिया जाता है।