लखनऊ । किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में बेड चार्ज के नाम पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। फर्जी वाड़े में आईटी सेल के कर्मचारी शामिल है। यह लोग तीमारदारों को फर्जी रसीद देकर शुल्क हड़प लेते हैं। जांच में इसका खुलासा हो गया है। तीमारदार ने मरीज का बेड चार्ज का शुल्क जमा किया। आईटी सेल कर्मी ने हेरफेर करते हुए ओपीडी में कटी रसीद पर मरीज का नाम लिख कर दे दिया।
तीमारदार ने इसकी शिकायत दर्ज करा दी है। वहीं केजीएमयू प्रशासन का कहना है आईटी सेल का जो भी कर्मचारी इस फर्जी वाड़े में जो भी शामिल हुआ तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के पांचवें तल स्थित क्रिटिकल केयर यूनिट में अलीमुनिशा 44 भर्ती हैं। क्रिटिकल केयर यूनिट में प्रत्येक दिन का बेड चार्ज का एक हजार रुपए शुल्क जमा करना होता है। क्रिटिकल केयर यूनिट कर्मचारियों ने मरीज के तीमारदार को तीन दिन का बेड चार्ज जमा करने के लिए भेजा। तीमारदार कैश काउंटर पर गया और आईटी सेल के कर्मचारी को पर्चा देते हुए तीन दिन का तीन हजार रुपए जमा करने के लिए दिये। आईटी सेल के कर्मचारी ने शुल्क जमा करने में गड़बड़ी कर दी। कर्मचारी ने बेड चार्ज जमा करने की बजाए दूसरे मरीज रज्जन लाल की कटी रसीद पर नाम व शुल्क दर्ज करके थमा दी। जबकि रज्जन लाल की यह रसीद डेंटल ओपीडी में कटी थी। बेड चार्ज का शुल्क जमा न करने पर क्रिटिकल केयर यूनिट कर्मचारियों ने तीमारदार से फिर कहा, तो उसने तीन हजार रुपए की कटी रसीद दिखा थी। कर्मचारियों ने गड़बड़ी होने पर जांच की। जांच दौरान पता चला कि क्रिटिकल केयर यूनिट में बेड चार्ज का शुल्क जमा न होकर डेंटल ओपीडी में कटी रसीद पर नाम व पता बदलकर खेल कर दिया गया। तीमारदार के साथ हुए इस फर्जीवाड़े की शिकायत विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों से किया। विभागीय अधिकारियों ने मामले की रिपोर्ट केजीएमयू प्रशासन को भेज दी है।
आईटी सेल की प्रभारी डॉ. ऋचा खन्ना के नंबर पर कई बार कॉल की गयी। मगर उनका फोन नहीं उठा। वहीं केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कर्मचारी जरिए फर्जीवाड़ा किया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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