लखनऊ। शीत लहर में ब्रोन हेमरेज के मरीज चिकित्सा संस्थानों में बढ़ रहे है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लोहिया संस्थान, पीजीआई सहित अन्य प्रमुख अस्पतालों में मरीजोें की संख्या दुगनी हो गयी है। विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है शीत लहर में सबसे ज्यादा बुजुर्ग या डायबिटीज व ब्लडप्रेशर वाले मरीज भी ब्रोन हेमरेज की चपेट में आ सकते है।
केजीएमयू के इमरजेंसी ट्रामा सेंटर के न्यूरोलॉजी विभाग के वार्ड में दस बिस्तर व चार वेंटिलेटर संचालित कि ये जा रहे है। इमरजेंसी में आने वाले ज्यादातर मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे है, जिससे इलाज थोड़ा जटिल हो जाता है। अगर यही मरीज गोल्डन ऑवर में पहुंच जाए तो इलाज आसान हो जाता है आैर मरीज भी जल्दी ठीक हो जाता है। केजीएमयू के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. आर के गर्ग बताते है कि शीतलहर में ब्रोन हेमरेज के मरीज ज्यादा हो जाते है। ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने के कारण ऐसा हो सकता है कई अौर लक्षणों को देखा जाता है। उन्होंने बताया कि डायबिटीज व ब्लड प्रेशर के अलावा मोटापा, तनाव के मरीजों को सावधानी बरतनी चाहिए। मरीजों को समय पर दवा लेने के साथ डाक्टर द्वारा बताये गये निर्देश का पालन करना चाहिए।
अगर कोई दिक्कत लग रही है। अपने डाक्टर तत्काल सम्पर्क करना चाहिए। डा. गर्ग ने बताया कि ब्रोन हेमरेज दो प्रकार के होते है। हेमारेजिक व इस्मिक स्ट्रोक होते है। ब्रोन हेमरेज के मरीज को जितनी जल्दी निकटम अस्पताल पहुंचाया जाए, उतनी जल्दी ठीक होने की संभावना हो जाती है।
बताते चले कि वर्तमान में न्यूरोलॉजी विभाग के दस बिस्तर व चारों वेंटिलेटर फुल चल रहे है। ज्यादा मरीज या गंभीर होने पर न्यूरो सर्जरी विभाग भेजा जाता है। वहां पर बिस्तर फ ुल है। इसके अलावा लोहिया संस्थान व पीजीआई की इमरजेंसी में ब्रोन हेमरेज के मरीज पहुंच रहे है।
यह है हेमरेज के लक्षण
1- कुछ भी निगलने में कठिनाई
2- शरीर का संतुलन में समन्वय न बन पाना
3-बात करने में हकलाहट या ठीक से बोल नहीं पाना
4- ऐसे मरीज जब मुस्कु राते है तो अपने चेहरे को एक तरफ झुकता हुआ देख सकतेहै।
5- अचानक सिर में असहनीय तेज दर्द
6- झटके आना
7- अचानक धुधंला दिखना,एक आंख व दोनों आंख में दिक्कत हो सकती है।
8- इन लक्षणों के मिलने पर मरीज को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाएं। समय गंवाने से बेहतर है कि मरीज को ऐसे निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र ले जाए, जहां पर सीटी स्कै न व ब्रोन हेमरेज के इलाज हो सके।