दिल की धड़कनों की सुन लो… नहीं हो सकती है यह सर्जरी

गत वर्ष के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक एंजियोप्लाटी

0
775

लखनऊ। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो देश में गत वर्ष के मुकाबले तेरह प्रतिशत अधिक एंजियोप्लास्टी हुई हैं। इस वर्ष में 5.75 लाख लोगों ने एंजियोप्लास्टी करायी है। इनमें 60 प्रतिशत लोग ऐसे भी मरीज हैं, जिनकी एंजियोप्लास्टी दिल का दौरा पड़ने के बाद की गयी है। यह जानकारी पीजीआई में चल रही इंटरवेंशन कार्डियोलाजिस्ट कांफ्रेंस के दूसरे दिन शनिवार को संस्थान के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सत्येन्द्र तिवारी ने कहीं।

Advertisement

डॉ. तिवारी बताते हैं कि यह आंकड़ा दिल के मरीजों की संख्या के मुकाबले काफी कम है। इसकी बड़ी वजह लोगों में जागरूकता की कमी है। काफ्रेंस में इंटरवेंशन तकनीक से की गई कई मरीजों की एंजियोप्लास्टी का लाइव प्रसारण कर जूनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों को बताया गया।

एशियन विवेकानंद हार्ट सेंटर मुरादाबाद के कार्डियोलाजिस्ट एवं पीजीआइ के एल्यूमिनाई डा. राज कपूर के मुताबिक कई बार मेन आर्टरी के साथ उससे निकलने वाली शाखा में रूकावट होती है ऐसे में यदि शाखा वाली रक्तवाहिका लंबी है, तो उसमें स्टंट लगा कर खोलने की जरूरत होती है।

पीजीआई के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुदीप कुमार बताते हैं कि मुख्य रक्त वाहिका में रूकावट होने पर जरूरी नही है कि बाई पास सर्जरी ही की जाये। इंटरवेंशन तकनीक आने से इसके 10 से 15 फीसदी मामलों में एंजियोप्लास्टी से इसका इलाज संभव है। डॉ. सुदीप बताते है कि इंटरवेंशन तकनीक बाई पास सर्जरी के मुकाबले कही ज्यादा सुरक्षित (सेफ) है। मुख्य रक्त वाहिका के मुख्य द्वार पर ब्लॉकेज होने पर भी एंजियोप्लास्टी संभव हो गई है। अमूमन ऐसी स्थिति में पहले एंजियोप्लास्टी नहीं की जाती थी।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleकई जटिल बीमारियां बता देती है अल्ट्रासाउंड जांच
Next articleस्वस्थ जीवन का आधार, माँ बच्चे लें संतुलित आहार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here