जांच कमेटी के आधार पर लिया गया निर्णय
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के नेत्र रोग विभाग के एक डॉक्टर को अनुशासनहीनता में बर्खास्त कर दिया गया है। आरोपों की जांच करायी गयी थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्य परिषद ने डॉक्टर की बर्खास्त करने पर अंतिम मुहर लगा दी है। केजीएमयू में इससे पहले बाल शल्य विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर को बर्खास्त किया जा चुका है।
केजीएमयू में शुक्रवार को कार्यपरिषद की बैठक की गयी। बैठक कु लपति डा. विपिन पुरी की अध्यक्षता में की गयी। बैठक में प्रमुख रूप से नेत्र रोग विभाग के एक डॉक्टर की अनुशासन हीनता की जांच रिपोर्ट रखी गयी। नेत्र रोग विभाग के डॉक्टर का प्रकरण करीब एक वर्ष से चल रहा है। डाक्टर पर लगाये गये आरोपों में पांच जनवरी 2022 को नेत्र रोग विभाग की प्रमुख डॉ. अपजीत कौर ने कुलपति को पत्र लिखा था। इसके बाद कुलपति कार्यालय में हुई बैठक में डॉक्टर के कामकाज व मरीजों के इलाज पर चर्चा की गयी। शिकायत में कहा गया कि आरोपी डॉक्टर ने बैठक में असंसदीय भाषा का प्रयोग जानबूझ कर किया। इस पर 18 फरवरी को कार्यपरिषद की आपात बैठक बुलाई गयी, जिसमें डॉक्टर को आरोप पत्र देकर निलंबित कर दिया गया। इस पर आरोपी डॉक्टर न्यायालय की शरण में चला गया। जहां पर न्यायालय ने डॉक्टर को राहत देते हुए निलंबन को गलत ठहराया। केजीएमयू प्रशासन ने ज्वाइन तो करा दिया, लेकिन कुछ ही समय बाद दोबारा निलंबित कर दिया। इस मामले में कमेटी ने भी जांच की थी। इसके बाद शुक्रवार को हुई बैठक में जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गयी। इसे पहले बाल शल्य विभाग के डाक्टर पर भी गंभीर आरोप लगे। जिसकी लम्बी जांच प्रक्रिया के बाद बर्खास्त करने की कार्रवाई अंजाम की गयी।