लखनऊ। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या गुरुवार को मनाई जायेगी। ज्योतिषाचार्य पं. समीर के अनुसार अमावस्या तिथि बुधवार की रात एक बज कर आठ मिनट से प्रारम्भ होकर दूसरे दिन ग्यारह फरवरी की रात 12ः35 तक होगी।
पं समीर ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान आदि कर पूरे दिन मौन रहकर उपवास करते है इस दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। मौनी अमावस्या के दिन तिल, तिल का तेल, आंवला, कम्बल आदि वस्त्रों का दान करना चाहिए, जिनकी कुंडली मंे पिृत दोष है उनको पितरों को तर्पण आदि कर दान-दक्षिणा करने से पिृत दोष से मुक्ति मिलती है।
माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा पर देवी-देवताओं का वास होता है। ज्योतिषाचार्य पं. समीर ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और छह ग्रह सूर्य बुध गुरु चंद्र शुक्र शनि मकर राशि में महासंयोग बन रहा हैं। इस शुभ संयोग को महोदय योग कहते हैं। उन्होंने बताया कि इस महोदय योग में कुंभ में डुबकी और पितरों का पूजन करने से अच्छे फलों की प्राप्ति होती है।