ब्लड प्रेशर,डायबिटीज व कार्डियक मरीज डाक्टर के परामर्श ले दवाए
लखनऊ । सर्दियों में तापमान के गिरावट के कारण शरीर की गर्मी को बनाये रखना मुश्किल हो जाता है। इस दौरान ब्लड गाढ़ा होने लगता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत अाती है। यही ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन जाता है।
डाक्टरों की मानें तो ठंड के दिनों में शरीर की नसें सिकुड़ने लगती है, इससे ब्लड सर्कुलेशन पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में ब्रोन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। खास कर उन लोगों के लिए जो कि पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा या हार्ट से जुड़ी बीमारी का इलाज करा रहे है, तो डाक्टर के परामर्श पर दवाओं का सेवन समय पर करना चाहिए। किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर तत्काल डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
डाक्टरों की मानें इससे बचाव के लिए अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करके खतरे को कम किया जा सकता है। आप नियमित रूप से व्यायाम करें। पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करें। वहीं पूरी नींद लेने से भी ब्रोन स्ट्रोक से बचाव किया जा सकता है। डाक्टरों का मानना है कि जिन लोगों में स्मोकिं ग की आदत होती है, उनके दिमाग में सही तरीके ब्लड सर्कुलेशन होने में दिक्कत होती है। इससे ब्रोन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। बचाव के लिए स्मोकिंग से दूरी बनाना चाहिए। इसके अलावा वजन को भी नियंंत्रण रखना आवश्यक है। मोटापा स्ट्रोक के लिए खतरा होता है।
ज्यादा वजन होने से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इससे स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। यही नही ज्यादा तनाव भी खतरे से खाली नहीं है। तनाव ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है। जो कि स्ट्रोक का कारण बनता है।
डायटिशियन की मानें तो स्ट्रोक से बचना के लिए हेल्दी डाइट लेना आवश्यक है। अलसी, अखरोट आैर सोयाबीन को डाइट का हिस्सा बना लेना चाहिए। खाने में ताजे फल व साबुत अनाज की मात्रा को बढ़ा लेना चाहिए।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
– चेहरे, हाथ आै पैर में अचानक कमजोरी आना
– बोलने में कठनाई होना
– किसी चीज को देर समझना
– अचानक सिर में तेज दर्द
– आंखों से दिखायी न देना
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