लखनऊ । राजाजीपुरम के रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त अस्पताल (आरएलबी) में तैनात रही वरिष्ठ सहायक (बाबू) पर करीब सवा सात लाख रु पए गबन का आरोप सही पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के देवीपाटन मंडल के अपर निदेशक की ओर से मामले की जांच की गई। उन्होंने अपनी 113 पन्नों की रिपोर्ट में पर आरोप सिद्ध पाए जाने की संस्तुति कर पूरी रिपोर्ट शासन, महानिदेशालय स्तर को सौंप दी गई है। माना जाता है कि जल्द ही शासन आरोपित महिला बाबू पर सख्त कार्रवाई कर सकता है।
आरएलबी संयुक्त अस्पताल में वरिष्ठ सहायक के पास राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा कर्मचारियों के मानदेय एवं यूजर चार्जेज से संबंधित कार्य देखा जा रहा था। उन्होंने अपनी तैनाती के दौरान जुलाई 2019 से जुलाई 2021 तक यूजर चार्जेज 7,92,358 रु पए देयता थी। मामला पकड़े जाने पर बाबू ने 30 मार्च 2022 तक 3,14,600 रु पए रोगी कल्याण समिति के खाते में जमा किया।
बाकी 4,77,758 रु पए ब्याज सहित धनराशि देय है, जिसे आज तक जमा नहीं किया है। बाद में वह सीएमओ कार्यालय लखनऊ में वरिष्ठ सहायक पद पर ही संबद्ध कर दी गर्इं। उनके खिलाफ थाना तालकटोरा में एफआईआर के लिए भी पत्राचार किया गया। देवीपाटन मंडल के स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बाबू ने 10 सितंबर 2024 में अपने बयान में कहा कि आरएलबी में तैनाती के दौरान उक्त अवधि में उनके द्वारा अक्तूबर 2019 से 31 दिसंबर 2021 तक यूजर चार्जेज संबंधी धनराशि जमा नहीं किया गया। तथा कुल धनराशि 7,24,000 ब्याज सहित अपने पास ही रखे रहीं।