न्यूज । पश्चिम बंगाल में पुरुष बांझपन के मामले साल-दर-साल चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं और राज्य की 13.9 प्रतिशत आबादी में बांझपन पाया गया है जो प्रजनन आयु वर्ग के लगभग 20 लाख व्यक्तियों के बराबर है।
बांझपन उपचार अस्पतालों के सबसे बड़े नेटवर्क ‘इंदिरा आईवीएफ” ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी साझा की है। कंपनी ने बताया कि इस क्षेा में साल-दर-साल रोगियों में 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है।
इस रिपोर्ट को इंदिरा आईवीएफ की पांचवीं वर्षगांठ एवं हावड़ा सेंटर के उद्घाटन समारोह के दौरान साझा किया गया, जिसका उद्घाटन रविवार को पश्चिम बंगाल सरकार के खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग एवं बागवानी विभाग के प्रभारी मंाी अरूप रॉय ने किया।
आंकड़ों से पता चला है कि जिन रोगियों ने इंदिरा आईवीएफ के पश्चिम बंगाल केंद्रों से संपर्क किया है, उनमें बांझपन का प्रमुख कारण पुरुष बांझपन है। इलाज किये गये मामलों में से लगभग 86 प्रतिशत का कारण तीन स्थितियों में से एक है: शुक्राणुओं की कम संख्या या नहीं होना, शुक्राणु का असामान्य आकार और असामान्य शुक्राणु गति। बांझपन के कारकों में जीवनशैली में बदलाव, देरी से माता-पिता बनना और पर्यावरणीय प्रभाव शामिल हैं। अकेले कोलकाता में, एक वर्ष में लगभग 11,500 चक्र आईवीएफ किये जाते हैं, जिनमें से लगभग 20 प्रतिशत इंदिरा आईवीएफ द्वारा किये जाते हैं।
इंदिरा आईवीएफ के प्रबंध निदेशक एवं सह-संस्थापक नितिज मुर्डिया ने कहा, ”पश्चिम बंगाल में बांझपन एक महत्वपूर्ण चुनौती है, और हम सभी जरूरतमंदों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रजनन देखभाल को सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा हावड़ा केंद्र राज्य के अनगिनत जोड़ों की मदद करने में सहायक रहा है, उसने परिवार शुरू करने के उनके सपने को साकार किया है और हमें इस उपलब्धि का जश्न मनाने पर गर्व है।
इंदिरा आईवीएफ की हावड़ा केंद्र की प्रमुख डॉ. अर्चना वर्मा ने कहा, ”हमारे व्यक्तिगत दृष्टिकोण और अत्याधुनिक उपचारों के माध्यम से, हम हावड़ा में बांझपन का सामना कर रहे व्यक्तियों और जोड़ों को आशा और सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं। यह वर्षगांठ हमारे समर्पण और हमारे मरीजों के भरोसे का प्रमाणपा है।””
राज्य भर में इंदिरा आईवीएफ वर्तमान में पांच केंद्र हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि मरीजों को उनके घर के नजदीक विश्व स्तरीय प्रजनन देखभाल तक पहुंच प्राप्त हो। नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता ने इसे सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी के क्षेा में अग्रणी कंपनी के रूप में प्रतिष्ठा दिलायी है।