लखनऊ। किडनी की डिजीज युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। लोगों में अनियंत्रित ब्लड प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके साथ लोगों में बढ़ता डायबिटीज की किडनी डिजीज बढ़ा रही है। इसके साथ लाइफ स्टाइल व खानपान भी किडनी को प्रभावित कर रहा है। किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ओपीडी में किडनी डिजीज के आने वाले मरीजों में युवा वर्ग भी बढ़ रहा है।
केजीएमयू के नेफ्रो विभाग के वरिष्ठ डा. विश्वजीत बताते है कि देखा गया है कि ज्यादातर किडनी डिजीज अनियंत्रित डायबिटीज के कारण हो रही है। डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेबल कम ज्यादा होने से किडनी को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि दूसरा सबसे बड़ा कारण अनियत्रिंत ब्लड प्रेशर को कामकाज की भागदौड़ व तनाव के कारण लोगों का ब्लड प्रेशर कम ज्यादा होने लगता है।
जो कि समय पर डाक्टर की सलाह पर कंट्रोल करना चाहिए। नहीं तो ब्लड प्रेशर के कारण किडनी की वेसेल्स को नुकसान पहुंचाता है आैर काम काज करने की धीरे- धीरे प्रभावित होने लगती है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर के साथ लोग हेल्दी डाइट को भी नहीं ले पाते है। खान पान के कारण लिवर के साथ किडनी पर प्रभाव पड़ता है।
अल्कोहल का सेवन करने वाले का लिवर के साथ किडनी भी प्रभावित होती है। उन्होंने बताया कि बच्चों में किडनी डिजीज या तो संक्रमण के कारण प्रभावित होती है या फिर जन्मजात बीमारी होती है। मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ फिजीशियन व डायलिसिस विशेषज्ञ डा. कौसर उस्मान बताते है कि दवाओं का गलत सेवन भी किडनी पर गलत असर डालता है। इसमें एस्पिरिन, इबुप्रोफेन, निमोस्लाइड व अन्य एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं शामिल है। अगर डाक्टर की बिना सलाह नियमित रूप से सेवन करना किडनी पर खराब प्रभाव डालता है। इससे किडनी का ब्लड सर्कु लेशन कम कर सकती है आैर यूरीन के निर्माण में बाधा डाल सकती है। जो कि घातक होता है।