लखनऊ। कम उम्र में हार्ट अटैक की हो रही घटनाओं को लोगों को धड़क नों को बढ़ा रखा है। ऐसे में कार्डियक विशेषज्ञों की मानें तो बदलती लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करके हार्ट को हेल्दी रखा जा सकता है। इस वर्ष विश्व हार्ट डे की थीम है हृदय का उपयोग करें, हृदय को जानें । यह सभी लोगों को अपने दिल का ख्याल रखने के लिए जागरूक करता है।
अगर देखा जाए तो हार्ट में सीवीडी बीमारियों का एक वर्ग है जो हृदय या रक्त वाहिकाओं (नसों और धमनियों) को प्रभावित करता है। यह उच्च रक्तचाप ,गलत आहार , उच्च कोलेस्ट्रॉल , मधुमेह , वायु प्रदूषण , मोटापा , तंबाकू का उपयोग , गुर्दे की बीमारी, शारीरिक निष्क्रियता, शराब का हानिकारक उपयोग और पर्यावरणीय जोखिम कारकों के संयोजन के कारण हो सकता है। यह सबसे ज्यादा हार्ट अटैक व हार्ट फेल का कारण बनता है।
हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए आप क्या कर सकते है।
लोहिया संस्थान के कार्डियक विशेषज्ञ डा. भुवन तिवारी कहते है कि व्यायाम नियमित करना चाहिए। बच्चों और किशोरों को हर दिन कम से कम 60 मिनट की मध्यम से तेज वाली शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए।
अधिक वजन और मोटापे को कम करने में आम तौर पर वसा और शर्करा, जंक फूड की कैलोरी की संख्या को कम करना, फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और नट्स को आहार में शामिल करना चाहिए। केजीएमयू के कार्डियक एक्सपर्ट डा. गौरव मानना है कि कुछ न करें तो पैदल ज्यादा से ज्यादा चलें।
विशेषज्ञों की मानें तो यदि धूम्रपान करना बंद कर देते हैं, तो कोरोनरी हृदय रोग का खतरा एक वर्ष के भीतर आधा हो जाएगा। शराब कम पीने से सीवीडी का खतरा कम हो सकता है।
ज्यादा तनाव के कारण धमनियां सख्त हो सकती हैं, जिससे विशेषकर महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। अपनी पसंदीदा चीजों के लिए समय निकालना कुछ ऐसी चीजें हैं जो आप अपने तनाव को कम करने में मदद करती हैं। नियमित आधार पर आपके रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और रक्त शर्करा के स्तर की जाँच कराते रहना चाहिए। यदि आपको हार्ट अटैक के खतरें को कम करने के लिए दवा लेने की आवश्यकता हो सकती है। इनमें ब्लड में कोलेस्ट्रॉल, ब्लड के थक्कों को रोकने के लिए एस्पिरिन, मधुमेह के लिए इंसुलिन और ब्लड प्रेशर की दवा डाक्टर की सलाह पर लेनी चाहिए।