लखनऊ। बीमार लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को ही बृहस्पतिवार को फूड प्वाइजनिंग हो गई। राजधानी के होटल गोल्डन ट्यूलिप में चल रहे प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने आए लगभग तीन दर्जन डाक्टर व सहयोगी साथी होटल का खाना खाकर बीमार हो गए। खाना खाने के बाद डाक्टरों को पेट दर्द व दस्त की शिकायत पर डाक्टरों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल का कहना है कि होटल के खाने की जांच के नगर निगम और एफएसडीए विभाग को बोल दिया गया है। भर्ती किसी डॉक्टर की हालत गंभीर नहीं है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि डाक्टरों के प्रशिक्षण के लिए होटल में 25-29 सितम्बर के बीच इंडक्शन ट्रेनिंग कार्यशाला चल रही थी। प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने के लिए लगभग 29 जिलों से डाक्टर आए थे। इन सभी का नाश्ता, लंच व डिनर होटल में ही था। बृहस्पतिवार को भोजन करने के बाद कई डाक्टरों की तबियत बिगड़ने लगी। एक-एक कर लगभग 31 डाक्टर को दस्त व पेट दर्द की शिकायत हो गयी। स्वास्थ्य विभाग ने सूचना मिलते अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग की संभावना जतायी है।
बीमार होने वालों में डा. मनीष मिश्रा, डॉ. राहुल कटियार, डॉ. पूनम मिश्रा, डॉ. सुरेन्द्र गुप्ता, डॉ. दिनेश सिंह, डॉ. संजीव कुमार, डा. शिखा,डा समशेर बहादुर सिंह,डा. श्रीराम चन्द्रमोहन, डा मानवेन्द्र दत्त त्रिपाठी, मोहित , विकास शर्मा, सौम्यजीत साहा, निशांत नायक, डा सिद्धार्थ चटोपध्याय,डा हिमाद्री बिष्ट, गायत्री ठाकरे, अदिति शर्मा, डा. अष्मिता प्रसाद, मधुरा भोसले, सैन्ड्रा जॉनसन, अथिना सैमुअल, डा ओन्ड्रिला दत्ता,डा सर्मिष्ठा बरुआ, डाअपर्ना यादव, डा नेहा गुप्ता, आकांक्षा वर्मा, डा स्वाती अहलूवालिया, डा कीर्थाना, सबिहा सादिक व डा अनुश्री प्रमुख है। रात में नगर निगम की टीम ने होटल पहुंचकर में खाने का सैंपल एकत्र करना शुरू कर दिया था।