लखनऊ। कुपोषित बच्चों का समय पर इलाज आवश्यक है। समय पर इलाज न मिलने से बच्चों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। वह जल्दी जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं। समय पर इलाज, पौष्टिक खानपान और नियमानुसार टीकाकरण से बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है। यह जानकारी लोहिया संस्थान के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) नोडल अधिकारी डॉ. शीतांशु श्रीवास्तव ने दी।
लोहिया संस्थान के बाल रोग विभाग की ओर से शहीद पथ स्थित राम प्रकाश गुप्त मातृ एवं शिशु रेफरल अस्पताल परिसर में गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों के चिकित्सीय प्रबंधन संबंधी तीन दिवसीय कार्यशाला का समाप्त हो गयी। परिवार कल्याण के महानिदेशक डॉ. रतन पाल सिंह सुमन ने प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन किया।
कार्यशाला में महानिदेशक डॉ. रतन ने कहा कि गंभीर कुपोषण से जूझ रहे बच्चों की देखभाल के लिए कुशल और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की बहुत अधिक आवश्यकता है। लोहिया बाल रोग विभाग के डॉ. सूर्यांशु ओझा ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण की काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रशिक्षण का संचालन डॉ. शीतांशु श्रीवास्तव, डॉ शुभा रावत, डॉ. विपिन ने किया।
प्रशिक्षण में विशेषज्ञों के रूप में नयी दिल्ली कलावती सारण बाल अस्पताल के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. एके रावत, यूनिसेफ के पोषण अधिकारी डॉ. रविश ने सैम प्रबंधन के तकनीकी पहलुओं, आधुनिक प्रोटोकॉल और समग्र देखभाल के तरीकों पर जानकारी साझा की। प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।