लखनऊ। रोड एक्सीडेंट में घायलों के इलाज में रेडियोलॉजी जांचें महत्वपूर्ण होती हैं। एक्सीडेंट मरीज का तत्काल सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे सहित अन्य दूसरी जांच कराकर इंजरी की पहचान कर क्लीनिकल मैनजेमेंट किया जा सकता है। इससे एक्सीडेंट व अन्य मरीजों की जान बच सकती है। यह बात केजीएमयू ट्रॉमा सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. संदीप तिवारी ने दी।
डा. तिवारी बुधवार को शताब्दी भवन फेज टू स्थित ट्रॉमा सर्जरी विभाग में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक्सीडेंटल मरीजों के लिए ट्रामा मैनजेमेंट महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए डाक्टर के साथ अन्य स्टाफ का टीम वर्क होता है। जिसके लिए प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक होता है।
विभाग प्रमुख डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि आठ से 10 नवम्बर तक केजीएमयू ट्रॉमा सर्जरी, इंडियन सोसाइटी ऑफ ट्रॉमा एंड एक्यूट केयर (आईएसटीएसी) का 14 वां वार्षिक सम्मेलन अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा। इसमें देश-विदेश से ट्रॉमा एक्सपर्ट भाग ले रहे है। देश भर के सभी एम्स से विशेषज्ञ सम्मेलन में तकनीकी अपडेट करेंगे।
उन्होंने बताया कि कई बार एक्सीडेटल केस में घायलों को इंटरनल इंजरी हो जाती है, जिसे बाहर से देखकर उसकी गंभीरता का अंदाज लगा पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में तत्काल जांच व इलाज में देरी से घायल की जान खतरे में पड़ सकती है। डा.तिवारी ने बताया कि कार्यशाला में यूएसए से डॉ. मयूर नारायण, डॉ. ओलिविया, डॉ. डैन व्हाइटली और डॉ. एमसी मिश्रा, डॉ. सुषमा सागर, डॉ. सुबोध कुमार, डॉ. अमित गुप्ता व्याख्यान देंगे।