….तो चेता केजीएमयू प्रशासन

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का बदहाल आक्सीजन प्लांट की खामियां कभी भी मुसीबत का कारण बन सकता है, हालांकि केजीएमयू प्रशासन ने गोरखपुर के बीआरडी की घटना के बाद शनिवार को सभी आक्सीजन प्लांट की मरम्मत अभियान चला कर व्यवस्था को चाक चौंबद करने का दावा किया है।

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केजीएमयू में लिक्विड आक्सीजन प्लांट से मरीजों को अाक्सीजन दी जा रही है, लेकिन इसको संचालन कराने के लिए व्यवस्था को चाक- चौबंद करना चुनौती बनता जा रहा है। तीन वर्षो से ठेका नहीं उठने से पुरानी कम्पनी ही मरम्मत का काम देख रही है। आलम यह है कि अक्सर सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम मरीजों को आक्सीजन लगाने पर कम दबाव मिलता है। विशेषज्ञों का मानना है कि नोजल पाइप व अन्य उपकरणों की समय पर मरम्मत न करना व अन्य अव्यवस्था के कारण यह समस्या होना आम बात है।

गांधी वार्ड में सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम में अाक्सीजन का कम दवाब होने का शिकायत मिलती है । वही ट्रामा सेंटर के विभागों में सेट्रल आक्सीजन सिस्टम गडबड कर जाता है। फिलहाल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज की घटना के बाद शनिवार को दिन भर प्लांट की मरम्मत का काम चलता रहा। सेंटल आक्सीजन सिस्टम को चेक करके कमियों को दूर किया गया। इस बारे में केजीएमयू के आक्सीजन व्यवस्था प्रभारी डा. संदीप तिवारी ने बताया कि कहीं आक्सीजन आपूर्ति सिस्टम में कहीं भी कोई गड़बड़ी नहीं है। सभी व्यवस्था को चाक चौबंद है।

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