लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के एकेडमिक ब्लाक में नवस्थापित योगशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर संस्थान द्वारा ‘‘योग द्वारा स्वास्थ्य लाभः वैज्ञानिक आधार‘‘ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने योग की वैज्ञानिकता पर शोध के उद्देश्य से इस योगशाला की स्थापना के विचार की सराहना की।
उन्होंने कहा कि इस योगशाला में मरीजों को स्वास्थय सुधार का एक नवीन वातावरण प्राप्त होगा। इसके साथ ही शोध में लगे छात्र यह जान सकेंगे कि किस प्रकार के योग से कौन से रोग में शीघ्र स्वास्थय लाभ प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि भारत के ऋषि-मुनियों की देन योग को आज पूरा विश्व अपना रहा है। उन्होंने इसी क्रम में हाल ही में 21 जून को योग दिवस पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 180 देशों द्वारा योग में प्रतिभाग करने की चर्चा की। उन्होंने कहा कि योग को लेकर आज भारत पूरे विश्व का प्रतिनिधित्व कर रहा है, जो हम सबके लिए गर्व की बात है।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में बताया कि आज विश्व में कई देशों में योग से होने वाले स्वास्थ्य सुधारों पर शोध हो रहे हैं। विदेशों में भी योगशालाएं स्थापित हुई हैं। भारत के पी0जी0आई0, चण्डीगढ़ के न्यूरोलॉजी विभाग में भी एक योग लैब स्थापित है। उन्होंने सिंगापुर में स्थापित तिरिसुला योग लैब तथा यू0एस0ए0 में स्थापित कृपालू सेण्टर फार योगा एण्ड हेल्थ सहित कुछ अन्य योगशालाओं का जिक्र भी किया, जो इस दिशा में कार्य कर रही हैं।
योग के साथ-साथ राज्यपाल जी ने अपने संबोधन में उचित पोषण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य से जुड़े भारतीय विचारों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा रहा है। योग के साथ-साथ मोटे अनाज को भी विश्व स्तर पर पहचान मिली है। हमारे देश के प्रधानमंत्री जी की अपील पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष‘‘ घोषित कर अपनाया, जिससे पूरी दुनिया इसके सेवन के लाभों को जाने। उन्होंने कहा कि भारतीय परिवारों में मोटे अनाज दैनिक भोजन में शामिल रहा करते थे। आज पूरा विश्व इस महत्व को समझ रहा है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर आयुर्विज्ञान संस्थान के आहार विभाग द्वारा मोटे अनाज के 130 व्यंजनों पर संकलित पुस्तक ‘‘पोषण की खान: स्वास्थ्य-वर्धक पौष्टिक धान्य‘‘ का विमोचन भी किया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि स्वामी निर्मलानंद, बिहार स्कूल ऑफ योगा ने विश्व स्तर योग की अखंड पहचान के लिए इसकी वैज्ञानिक प्रतिस्थापना पर बल दिया।
इस अवसर पर संस्थान में चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों द्वारा संगीतमय योग की मनोरम प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में संस्थान की निदेशक प्रो0 सोनिया नित्यानंद, डीन प्रो0 नुजहत हुसैन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अजय कुमार सिंह, संगोष्ठी के वक्ता डॉ. अक्षय आनंद पी0जी0आई0 चण्डीगढ़ सहित संस्थान में कार्यरत चिकित्सक, शिक्षक, पैरामेडिकल अधिकारी/कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।