लखनऊ। शासन की तबादला नीति के विरोध में शुक्रवार को चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के नेतृत्व में प्रदेश भर के पीएमएस संवर्ग के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैथोलॉजिस्ट व अन्य पैरामेडिकल्स स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए। अभी यह लोग सांकेतिक रूप से सुबह 2 घंटे की हड़ताल कर रहे हैं।
इस 2 घंटे की हड़ताल से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों खासकर राजधानी के बलरामपुर सिविल अस्पताल ,लोहिया अस्पताल में ओपीडी नहीं शुरू हो पाई। यहां तक वैक्सीनेशन का काम भी शुरू नहीं हो पाया। सिर्फ इमरजेंसी के माध्यम से मरीजों का इलाज चल रहा था महासंघ ने चेतावनी दी है कि 11 जुलाई तक प्रदेश के सभी अस्पतालों में 2 घंटे का पूर्णकालिक कार्य बहिष्कार चलेगा। इस दौरान तबादला नीति को नहीं बदला गया तो 12 जुलाई को प्रदेश भर के हजारों डॉक्टर्स पैरामेडिकल नर्सिंग स्टाफ, स्वास्थ्य कर्मी पैथोलॉजिस्ट, स्वास्थ्य भवन का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे। बलरामपुर अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे नर्सिंग के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण काल में नर्सिंग स्टाफ ने लगातार दिन-रात एक करके घर परिवार को छोड़ कर के ड्यूटी की अब उन्हें तबादला नीति के तहत बाहर भेजा जा रहा है। इसी प्रकार सुनील यादव ने बताया तबादला नीति के लिए शासन दोहरी नीति अपना रहा है एक तरफ तो सभी को कोरोना वारियर्स कह रहा है, उसी तरह दूसरी ओर तबादला करके उनका उत्पीड़न कर रहा है। वही डॉक्टर सचिन वैश्य ने बताया शासन के अधिकारियों ने महासंघ में कई चरणों में वार्ता की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इससे मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ रहा है। 2 घंटे के कार्य बहिष्कार से सरकारी अस्पतालों में हाहाकार मच गया। सुबह ओपीडी में लोग पहुंचे तो कमरे तो खुले थे लेकिन डॉक्टर पैरामेडिकल नर्सिंग स्टाफ कोई नहीं था। यहां तक वैक्सीनेशन कभी नहीं शुरू हो पा रहा था।