लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में आग लगने की घटना में मरीजों की मौत की संख्या अब 13 हो गयी है। सोमवार को ट्रामा सेंटर डेथ सर्टिफिकेट बनवाने आये परिजनों ने आग की घटना में एक आैर मौत का खुलासा किया। मृत दो मरीजों के परिजनों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दो- दो लाख रुपये का मुआवजा जिला प्रशासन ने दे दिया गया है। उधर केजीएमयू प्रशासन ने सोमवार को भी आग की घटना में किसी मरीज की मौत इलाज की कमी के कारण होने से इनकार कर दिया है।
शनिवार को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में दूसरे तल पर आपदा प्रबंधन के मेडिसिन स्टोर में आग लग गयी थी। आग व धुंआ इतना तेज था कि तीसरे तल के विभाग के वार्डो को खाली कराना पड़ गया था। इस आग के कारण मची भगदड में उसी रात पांच मरीजों की मौत हो गयी थी। इसके बाद जिला प्रशासन के पास भी पांच मौत का आकंड़ा था। दो मरीजों की मौत का खुलासा रविवार को हुआ था। इस तरह बारह मरीजों की मौत आग के कारणों से होना पाया गया था, लेकिन इन सभी मौतों को केजीएमयू प्रशासन ने एक सिरे से नकारते हुए कहा है कि सभी मरीजों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया करायी गयी थी।
शताब्दी अस्पताल व अन्य विभागों में मरीजों का डाक्टरों की टीम बेहतर इलाज कर रही थी। आज बरेली से निमिष अपनी पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आये तो उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को लिवर में दिक्कत थी। उसी दिन पत्नी को भर्ती ट्रामा सेंटर में कराया था। उसके आक्सीजन लगी हुई थी। रात में आग लगने की घटना के बाद जाने के लिए कहा गया। डाक्टरों ने तत्काल दूसरे जगह शिफ्ट होने की बात कही। ऐसे में आक्सीजन हटा कर मरीज को शताब्दी अस्पताल ले जाना था।
उनका आरोप है कि उन्होंने एम्बुबैग या आक्सीजन सिलेंडर की मांग की तो उन्हें कुछ भी उपलब्ध कराने में असमर्थता जतायी गयी। ऐसे में आक्सीजन हटा कर नीचे पहंुचे थे कि उसकी सांस उखडने लगी। अफरा तफरी मचे माहौल में जब दोबारा आक्सीजन की मांग की गयी तब भी आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल सका आैर उसने कुछ देर बाद दम तोड़ दिया।