ट्रामा सेंटर में मॉनीटर पर देख सकेंगे वेंटिलेटर की पोजीशन

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ट्रामा सेंटर वन में वेंटिलेटर यूनिट में रिक्त स्थानों को दर्शान वाला इक्लेट्रानिक मानीटर लगाने का प्रस्ताव है, ताकि वेंटिलेटर की संख्या, मरीज व रिक्त वेंटिलेटर की जानकारी बाहर मिलती रहे। वही मारपीट की घटना के बाद अब पीआरओ को सुरक्षा मुहैया करायेगी, उसके साथ दो सुरक्षा गार्ड तैनात किये जाएंगे। इसके अलावा तीन सीसीटीवी कै मरों का आैर विस्तार करेगी ताकि मेन गेट तक सभी प्रकार मूवमेंट को देखा जा सके। उधर पीआरओ के साथ मारपीट के आरोपी एक तीमारदार को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया।

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गंभीर मरीजों की वेंटिग क्रिटकल केयर में लगी ही रहती है –

ट्रामा सेंटर वन में गंभीर हालत में मरीज के आने के बाद डाक्टर वेंटिलेटर की डिमांड करते हुए क्रिटकल केयर यूनिट को मरीज को भर्ती करने का अनुरोध भेजता है। अगर वेंटिलेटर खाली होता तो मरीज को तुरंत भर्ती कर लिया जाता है, पर ऐसा कम ही होता है। गंभीर मरीजों की वेंटिग क्रिटकल केयर में लगी ही रहती है। उधर बेहाल तीमारदारों को लगाता है कि जुगाड़ से मरीज को भर्ती कि या जाता है आैर सुनवाई नहीं होती है। जब कि क्रिटकल केयर यूनिट में मरीज की गंभीरता के अनुसार ही प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे में तीमारदार आक्रोशित हो जाते है। बताया जाता है कि प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है कि क्रिटकल केयर यूनिट व पीआरओ आफिस के बाहर इलेक्ट्रानिक मानीटर लगाया जाएगा आैर पारदर्शिता बरतते हुए वेंटिलेटर की स्थिति व रिक्त स्थानों की जानकारी दर्ज हो तो तीमारदार आक्रोशित नही होंगे।

सभी हर किसी के मूवमेंट का रिकार्ड रखा जा सके –

उधर मंगलवार को ट्रामा सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न उठ खड़ा हुआ है। केजीएमयू प्राक्टर प्रो. आर ए एस कुशवाहा ने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखे तो पता चला कि चैनल तक ही तीमारदार पीआरओ को ले जाते हुए दिख रहे थे। मारपीट की घटना सड़क पर की थी। ऐसे में केजीएमयू प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जल्द ही कुछ अन्य स्थानो पर सीसीटीवी कैमरे लगायी जाए ताकि सेंटर के मेन गेट तक मूवमेंट दिखायी दे। ताकि सभी हर किसी के मूवमेंट का रिकार्ड रखा जा सके। इसके साथ ट्रामा सेंटर के अंदर भी जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे है। वहां पर भी कैमरे लगाये जाएंगे ताकि अन्य विभागों के बाहर के मूवमेंट को कैप्चर कि या जा सके।

इसके साथ ही मरीजों के साथ ज्यादा संख्या में तीमारदार अंदर जाने ही नहीं पाये। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा। ज्यादा संख्या में तीमारदार अंदर होने से भी हंगामा व आक्रोश प्रकट हो सकता है। तीमारदारों के पास गेट पास होना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि अब पीआरओ को ट्रामा सेंटर में सुरक्षा गार्ड मुहैया करायी जाएगी। ताकि उस पर कोई हमला न कर सके। इसके अलावा मरीजों के तीमारदारों से बात करने का व्यवहार भी सिखाया जाएगा।

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