जॉर्जियन एल्युमनाय एसोसिएशन की पद्मश्री डॉ. एमसी पंत के जन्मदिवस पर संगोष्ठी
लखनऊ। तेजी से बढ़ती जा रही कैंसर की बीमारी का इलाज को और उच्चस्तरीय करने के लिए प्रत्येक वर्ष इलाज में प्रयोग हो रही तकनीक का ऑडिट होना चाहिए, ताकि मरीजों को और उच्चस्तरीय इलाज दिये जाने में सहायता मिल सके।
यह बात कैंसर संस्थान के पूर्व निदेशक व पीजीआई रेडियोथेरेपी विभाग के प्रमुख डॉ. शालीन कुमार ने रविवार को केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के पूर्व अध्यक्ष व लोहिया संस्थान के निदेशक पद्मश्री डॉ. एमसी पंत के जन्मदिवस पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। केजीएमयू एल्युमनाय एसोसिएशन की तरफ से गोष्ठी आयोजित की गयी।
डॉ. शालीन कुमार ने कहा कि कैंसर मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टर के अलावा रेजिडेंट , पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्नीशियन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि अगर देखा जाए, तो इलाज की सफलता का सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका में टेक्नीशियन पर निर्भर करता है, क्योंकि रेडियोथेरेपी देने से पहले मास्क तैयार करने से लेकर थेरेपी के बाद भी वह मरीज के साथ रहता है। डॉ. शालीन ने कहा कि रेडियोथेरेपी में उच्चकोटि की मशीनें भी आ गयी हैं। इस लिए क्लीनिकल तकनीकी ऑडिट होना चाहिए। ताकि इलाज में तकनीकी चूक का पता करके इलाज आैर अपडेट किया जा सके।
डॉ. शालीन ने कहा कि इससे इलाज संबंधी छोटी खामियां भी जिम्मेदारों तक पहुंचनी चाहिए। इससे कमियों को ठीक करे अन्य मरीजों को बेहतर इलाज दिया जा सके। रेजिडेंट डॉक्टर इलाज की तकनीक का ऑडिट करें। इससे खामियां को आसानी से पकड़ सकते हैं।
केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि लगातार विभागवार कार्यशाला की जा रही हैं।ताकि नयी जानकारी आैर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जा सके।
उन्होंने कहा कि हम पद्मश्री डॉ. एमसी पंत को वैज्ञानिक रूप में याद कर रहे हैं। यह एसोसिएशन की अनूठी पहल है। इसमें डॉ. पंत के परिवारीजनों को शामिल किया गया है। केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के प्रमुख व पूर्व कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि समय पर इलाज कर कैंसर को हराया जा सकता है। डॉ. एमसी पंत ने कैंसर के इलाज की दिशा में सराहनीय कार्य किया है, जिसके लिए चिकित्सा जगत व समाज उन्हें हमेशा याद करता रहेगा। कार्यक्रम में एसोसिएशन के सचिव डॉ. पीके शर्मा, प्रति कु लपति डॉ. विनीत शर्मा व डॉ. सुधीर सिंह सहित अन्य वरिष्ठ डाक्टर मौजूद रहे।