पाचवें महीने में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर बचायी जान
लखनऊ। गर्भ में बच्चा और ट्यूमर एक साथ विकसित हो रहे थे। गर्भवती महिला को लेकर परेशान तीमारदार किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के क्वीनमेरी अस्पताल पहुंचे। यहां पर डॉक्टरों ने मां के साथ बच्चे की भी जान बचाने में कामयाबी हासिल की है।
वरिष्ठ डॉ. एसपी जैसवार ने बताया कि 30 वर्षीय गर्भवती महिला जब उनके पास पहुंची थी, तब वह 2.5 महीने की गर्भवती थी, लेकिन जांच में पता चला कि उसके ट्यूमर होने के कारण गर्भावस्था छह महीने की लग रही थी। इससे गर्भस्थ शिशु की जान को खतरा बना हुआ था। उन्होंने बताया कि ट्यूमर के चलते गर्भस्थ शिशु का विकास बाधित हो रहा था। ऐसे में सर्जरी प्लान करके पांचवे महीने में विशेष तक महिला की सर्जरी कर बच्चेदानी से 17 गुणा14 गुणा 12 सेमी का ट्यूमर निकाल दिया। जिसके बाद गर्भस्थ शिशु का विकास हो गया।
सर्जरी के बाद मरीज की निगरानी की जाती रही। लगातार नौ महीने तक निगरानी के बाद गर्भवती महिला ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है।
डॉ. एसपी जैसवार ने बताया कि गर्भाशय में शिशु और ट्यूमर एक साथ होना दुर्लभ केस माना जाता है। आंकड़ों को देखा जाए तो 100 में दो मरीज इस तरह की परेशान में होते हैं। इस स्थिति को फाइब्राॉएड नाम दिया गया है। यह काफी खतरे वाली स्थिति है। इससे पहले प्रदेश में पांच मरीजों की सफल सर्जरी कर बच्चे को बचाया गया है। ऐसे प्रक रण में पहले ट्यूमर निकाला जाता है।
उसके बाद बच्चे का गर्भाशय में विकास होता है। यदि सर्जरी कर ट्यूमर को न निकाला जाये तो बच्चे के जीवन को बचाना मुश्किल होता है। इतना ही नहीं ज्यादातर केस में शिशु विकसित ही नहीं हो पाता। उन्होंने बताया कि भारत में इस तरह की सर्जरी क्वीनमेरी अस्पताल में ही की जाती है।
सर्जरी करने वाली टीम में डॉ.एसपी जैसवार के साथ डॉ. सीमा मेहरोत्रा, डॉ. पुष्प लता संखवार, डॉ. मंजु लता वर्मा, एनेस्थेटिस्ट डॉ. राजेश रमन, सिस्टर इंचार्ज ममता यादव