लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में कुशी नगर निवासी शरीर से जुड़े जुड़वा शिशुओं को अलग करने की सर्जरी के बाद अब उनकी तबीयत स्थिर बनी हुई है। हालत में तेजी से हो रहे सुधार के बाद डॉक्टरों ने दोनों बच्चों का जीवनरक्षक उपकरणों से हटा दिया है। फिर भी दोनों शिशु अभी भी आईसीयू में भर्ती रहेंगे। निगरानी कर रहे डाक्टरों का मानना है कि 10 दिन बच्चों की जिंदगी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कुशीनगर निवासी मजदूर दम्पति के यहां 19 नवम्बर 2019 को जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया। शिशु पेट के हिस्से से जुड़े हुए थे। मंगलवार को केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी के विशेषज्ञ डाक्टरों के साथ पांच विभागों की टीम ने जटिल सर्जरी कर दोनों बच्चों को अलग किया था। दोनों को वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों की सेहत में सुधार के बाद वेंटिलेटर हटा दिए गए। फिर भी सावधानी व अन्य दिक्कतों को देखते हुए अभी दोनों बच्चे आईसीयू में भर्ती हैं। पीडियाट्रिक डॉक्टरों के मुताबिक शिशु कंज्वाइन ट्विंस नामक बीमारी की चपेट में थे। पेट व छाती आपस में जुड़ी होने के साथ ही लिवर का एक हिस्सा चिपका हुआ था। शेष अंग दोनों के अलग-अलग हैं। विशेषज्ञों ने सर्जरी के दौरान छाती की हड्डी भी काटी थी। सर्जरी के बाद घाव भरने में काफी वक्त लग सकता है, क्योंकि त्वचा के साथ भीतर की मांसपेसियां और हड्डी काटी गई हैं। तब तक दोनो शिशुओं को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाना बेहद आवश्यक है