दो डोज वाली वैक्सीन होती है ज्यादा कारगर

0
767

 

Advertisement

 

न्यूज। किसी भी महामारी को नियंाित करने में दो खुराक वाली वैक्सीन ज्यादा प्रभावी साबित होती है। शनिवार को यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने कही।
डॉ़ हर्षवर्धन ने संडे संवाद में कहा कि किसी भी महामारी को नियंाित करने में एक खुराक वाली वैक्सीन की अपेक्षा दो खुराक वाली वैक्सीन ज्यादा कारगर साबित होती है। वैक्सीन की पहली खुराक व्यक्ति में अपेक्षित मात्रा में रोगप्रतिरोधक क्षमता का निर्माण नहीं कर पाती है जबकि दूसरी खुराक देने पर अपेक्षित मााा में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है।
उन्होंने रूस की कोरोना वैक्सीन’ स्पूतनिक वी” का तीसरे चरण का मानव परीक्षण भारत में किये जाने के सवाल पर बताया कि इस बारे में अभी विचार ही किया जा रहा है और इस संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तथा दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन के मानव परीक्षण के दौरान 50 में से 12 वालंटियर पर विपरीत प्रभाव पड़ने की बात पर कहा कि यह सामान्य बात है कि वैक्सीन देने के बाद वैक्सीन देने की जगह पर लाल निशान बन जाता है, दर्द होता है और हल्का बुखार आता है। वैक्सीन लेने के बाद बेचैनी होने के कारण घबराहट होना और धड़कन बढ़ना भी आम बात है क्योंकि ये प्रभाव अपने आप ही कुछ समय बाद खत्म हो जाता है और इसका कोई असर वैक्सीन की प्रभावोत्पादकता पर नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर इसके अलावा वैक्सीन का कोई अन्य गंभीर विपरीत प्रभाव नहीं सामने आया है तो इसका परीक्षण जारी रखने में कोई दिक्कत नहीं है।

उल्लेखनीय है कि पुणे स्थिति सीरम इंस्टीट््यूट ऑफ इंडिया भारत में एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के लिए दूसरे और तीसरे चरण का मानव परीक्षण कर रहा है। ब्रिाटेन में एक वालंटियर के बीमार पड़ने की खबर के बाद वैक्सीन का परीक्षण रोक दिया गया था लेकिन बाद में भारत में इसे दोबारा शुरू कर दिया गया है।

डॉ़ हर्षवर्धन ने बताया कि भारत में सभी प्रस्तावित क्लीनिकल परीक्षण निर्धारित सिद्धांत के अनुसार किये जायेंगे और उनकी समीक्षा भारतीय औषधीय महानियंाक (डीसीजीआई) द्वारा गठित विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा की जाएगी। हाल ही में डीसीजीआई ने भारत में कोविड-19 वैक्सीन की लाइसेंस की नियामक आवश्यकताओं को लेकर मसौदा दिशा-निर्देश तैयार किया है।

Previous articleदीपावली पर गाय गोबर से बने दीयों से रोशन होंगे घर
Next articleहो सकता है केजीएमयू प्रशासनिक व्यवस्था में फेरबदल !

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here