उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि नियमों के खिलाफ काम करने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई
लखनऊ। प्राइवेट प्रैक्टिस के खिलाफ सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। सरकारी अस्पताल में तैनात दो डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। लंबी जांच की प्रक्रिया के बाद दोनों डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि नियमों से इतर काम करने वाले डॉक्टर-कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बाराबंकी के राम सनेही घाट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार वर्मा की तैनाती थी। इन पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगे। जांच कराई गई। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि शासकीय सेवा में रहते हुए प्राईवेट प्रैक्टिस किये जाने की सूचना प्राप्त हुई थी।
इन्हें वर्ष 2017 में निलम्बित किया गया था परन्तु इनके द्वारा प्राईवेट प्रैक्टिस जारी रखी गयी। इन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि गौतमबुद्ध नगर स्थित दनकौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डॉ. विजय प्रताप सिंह चिकित्साधिकारी के पद पर तैनात थे। इनके द्वारा वर्ष 2015 में शासकीय सेवा में कार्यरत होने के बाद भी कई निजी चिकित्सालयों में कार्य किया। नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउन्स (एनपीए) भी प्राप्त किया जाता रहा। डॉ. विजय के खिलाफ विभागीय जांच कराई गई। जांच में दोषी पाये जाने पर इन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।