लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शो पर चलते हुये उनके स्वच्छता ,स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के मूलमंत्र को साकार कर रहे है।
पूर्वदशम/ दशमोत्तर छाावृति योजना 2020-2021 के तहत लोकभवन में शनिवार को समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित छाावृत्ति कार्यक्रम को संबोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि आज का दिन देश की दो महान विभूतियों के स्मरण करने का है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए अहिंसा के नए आंदोलन का सूापात किया। जब आम जनमानस में गुलामी से निराशा का वातावरण व्याप्त था, बापू ने आजादी की लड़ाई की अगुवाई कर देश को अंग्रजी हुकूमूत से मुक्ति दिलाई। दुनिया के लिए आश्चर्य का विषय है कि धोती पहने दुबली कद काठी का इंसान कैसे आजादी दिलाएगा लेकिन बापू ने यह कर दिखाया।
उन्होने कहा कि बापू के आदर्शो को आत्मसात करते हुये श्री मोदी ने दो अक्टूबर 2014 से स्वच्छता अभियान की शुरुआत कर लाखो लोगों के जीवन को बचाने की मुहिम शुरू की। इंसेफलाइटिस समेत तमाम रोग गंदगी से फैलते हैं और लाखों लोगों की मौत गंदगी से फैले रोगों से होती थी। गांधी जी के स्वच्छता ,स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के मूलमंा को देश में प्रभावी ढंग से लागू कर प्रधानमंाी मोदी गांधी जी के सपनों को साकार कर रहे है। ग्राम स्वरोजगार को भी अमली जामा पहनाया जा रहा है।
श्री योगी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शासी अंहिसा के पुजारी थे लेकिन 1965 के युद्ध में शासी जी ने अपने नेतृत्व का लोहा मनवा दिया। जय जवान जय किसान का नारा देकर शासी ने दुनिया को दिखा दिया भारत किसी भी देश से डरने वाला नहीं है।
उन्होने कहा कि आज एक लाख 51 हजार छात्र-छात्राओं को छात्रवृति सीधे उनके एकाउंट में पहुंच जायेगी। निजी शिक्षण संस्थान में पढने वाली दो सगी बहनों में एक की फीस माफ करे तो बालिका शिक्षा को और बढावा मिलेगा।उन्होने कहा कि शासन ऐसे विद्यालयों-कालेजो को चिन्हित करे जहां दो सगी बहने पढ़ रही हैं, तो एक की फीस प्रतिपूर्ति सरकार करे। सीएम योगी बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए व्यापक मुहिम चलाने का आव्हान किया।
इस अवसर पर राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अहिंसा का नया मार्ग दिखाया और उस पर चल कर देश को अंग्रेजी हुकुमत से आजादी दिलायी। स्कूली भोजन की जगह पोषणयुक्त भोजन की शुरुआत स्कूलों में शुरु कर बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल किया है। प्रतिवर्ष 51 लाख छाा-छाााओं को छाावृति दी जाती है अभी 151000 छाा-छाााओं को यह छाावृति दी गयी है दिसंबर तक सभी छाा छाााओं को छाावृत्ति दे दी जाएगी।