लखनऊ . किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से परेशान प्रथम वर्ष के छात्रों ने यूजीसी के एंटी रैगिंग सेल में शिकायत कर दिया। उसके बाद खुद पर कार्रवाई के डर से केजीएमयू में 2017 बैच के पांच आरोपी छात्रों को तत्काल हॉस्टल से बाहर निकाल दिया है। यही नहीं परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। इस घटना के बाद केजीएमयू प्रशासन बेहद सतर्क हो गया है ।मीडिया प्रभारी डॉ़ संतोष कुमार की माने तो यूजीसी के एंटी रैगिंग सेल की ओर से 11 अक्टूबर को मेल आया था। जिसमें एमबीबीएस और बीडीएस प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स की शिकायत थी कि उन्हें सीनियर्स द्वारा फोन पर परेशान किया जाता है। इस मामले की जांच की गई तो सीनियर्स के लगातार फोन आने की पुष्टि हुई। मामले में जांच समिति बनाने के साथ ही पांच सीनियर्स को हॉस्टल से निकाल दिया गया है और कैंपस में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
रैगिंग की शिकायत के बाद 2017 बैच के हरदीप सिंह, आंचल जैन, गुलाम हसन, उत्कर्ष गंगवार और अनिमेश तरैया पर कार्रवाई की गई है। नाम ना छापने की शर्त पर एक स्टूडेंट ने पूछताछ में बताया कि सीनियर्स उन्हें देर रात फोन करते थे और मुर्गा बनने के लिए कहते थे। साथ ही इमामबाड़े की ओर एकटक देखने को कहते थे। साथ ही सामने पड़ने पर सलामी ठोंकने को कहा जाता था। साथ ही विडियो कॉल कर परेशान भी किया जाता था।
6 सितंबर को रैगिंग की घटना भी कैमरे में कैद हुई थी। जिसके बाद सभी सिनियर्स पर एक-एक हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया था।
20 17 बैच के छात्रों से मोबाइल फोन पर रैगिंग का मामला सामने आया था। तब 2016 बैच के दो सीनियर छात्रों को हॉस्टल से हमेशा के लिए निकाल दिया गया था। साथ ही रैगिंग की फिराक में पड़े 18 सीनियर पर एक-एक हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
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