लखनऊ। मिलावटी ब्लड मिलने पर एसटीएफ व एफएसडीए की कार्रवाई के बाद भी निजी ब्लड बैंकों में बिना डोनर के ब्लड गुपचुप तरीके से दे दिया जा रहा है। इन ब्लड यूनिट का शुल्क बहुत ज्यादा है, जो कि ब्लड ग्रुप के आधार पर निर्भर करता है। बताया जाता है कि इन कार्रवाई करने के लिए एफएसडीए ने जांच करने में सख्ती शुरू कर दी है आैर निजी ब्लड बैंकों के रिकार्ड की जांच पड़ताल की जा रही है।
मिलावटी ब्लड बेचे जाते हुए कुछ लोगों को एसटीएफ व एफएसडीए के संयुक्त अभियान में पकड़ा गया है। इनके तार भी पुराने लखनऊ व टेढ़ी पुलिया स्थित ब्लड बैंक से जुड़े मिले थे। इसके बाद दोनों ब्लड बैंकों पर छापा मारा गया था। छापे में गड़बड़ी मिलने पर संचालन करने से रोक दिया गया था। बताया जाता है कि दोनों ब्लड बैंकों ने अपनी कमियों को दूर करने के बाद संचालन करने की अनुमति मांगी थी, जिसे स्वीकार करके दोनों ब्लड बैक संचालित हो गये। बताया जाता है कि इसके बाद भी राजधानी में काफी संख्या में ऐसे ब्लड बैंक है जो कि बिना डोनर के ही ऊं चे दामों पर किसी भी ब्लड ग्रुप को दिया जा रहा है। बताया जाता है कि पुराने लखनऊ के आस-पास के निजी ब्लड लगातार सक्रिय है।
यह ज्यादातर निजी अस्पतालों से जुड़े हुए है आैर गुपचुप तरीके से काम कर रहे है। इनके रिकार्ड में डोनर के रूप में किसका नाम चढ़ाया जाता है, यह जांच का विषय है। बताया जाता है कि इसके लिए जांच की जा रही है, परन्तु गड़बड़ी मिलने पर नोटिस दी जाती है, जो कि बाद में रफा- दफा कर दी जाती है।
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