लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय यूपी कम्यूनिटी आई बैक के मेडिकल निदेशक डा. अरूण शर्मा ने बताया कि प्रदेश की लगभग 25 करोड़ जनसंख्या के सापेक्ष केवल दो हजार कार्निया का दान देना एक चिंता का विषय है तथा इस ओर आम जनमानस को जागरूक कि या जाना चाहिए। डॉ. शर्मा बताया कि यूपी में 2 लाख अधिक लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए इंतजार कर रहे हैं। लोगों में नेत्रदान बढ़ाने के लिए जागरूकता की बहुत आवश्यकता है। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि नेत्रदान महादान है। एक व्यक्ति के नेत्रदान करने से दो परिवार की खुशियां लौटती हैं। दो नेत्रहीन खूबसूरत दुनिया को देख पाते हैं। नेत्रदान करने वाले की पूरी आंख नहीं निकाली जाती है बल्कि सिर्फ आंख की ऊपरी परत ली जाती है, जिसे कार्निया कहते हैं। कुलपति सेल्वी हाल में आयोजित नेत्रदान जागरूकता पखवारा प् पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार होता है। शरीर के साथ आंखें भी नष्ट हो जाती हैं, जबकि आर्गन डोनेशन करने से मृत व्यक्ति के अंग दूसरे लोगों को जीवनदान देते हैं। विद्या भारती के प्रो. ब्राह्मदेव शर्मा ने कहा कि हर व्यक्ति जीते हुए तमाम लोगों की मदद करता है, लेकिन नेत्र व शरीर के अन्य अंगों का दान करकेमहादान का पुण्य मिलता है। इस दौरान नेत्रदान के लिए लोगों को जागरूक करने वालों को सम्मानित किया गया। इस दौरान सनलाइफ के अतुल कपूर, डॉ. वाईके पाठक, डॉ. मधुमति गोयल, डॉ. सूर्यकांत, डॉ. अपराजित कौर, डॉ. मधु भदौरिया, डॉ. सिद्धार्थ अग्रवाल, डॉ. गौरव कुमार आदि मौजूद रहे।
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