लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि सूबे की सीमा में दाखिल होने वाले हर शख्स को 14 दिनों तक क्वारांटाइन अथवा आइसोलेशन में अनिवार्य रूप से रखा जायेगा। मुख्यमंत्री ने कोरोना के बचाव के लिये गठित टीम 11 के साथ हालात की नियमित समीक्षा के बाद लोगों को आश्वस्त किया कि लाकडाउन अवधि में किसी का भी वेतन उसका नियोक्ता नहीं काटेगा। लाकडाउन की अवधि में आने वाली तमाम दिक्कतों के समाधान के लिये 11 वरिष्ठ अधिकारियों की अगुवाई में अलग अलग टीम का गठन किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों समेत अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कोई समझौता नहीं करना है और दिल्ली समेत अन्य राज्यों से आये लोगों को अनिवार्य रूप से 14 दिनों के क्वारांटाइन अथवा एकांतवास में रहना होगा। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बाहर से आये लोगों को घर भेजने से पहले 14 दिनों तक क्वारांटाइन में रखे।
उन्होने कहा कि पिछले दिनो एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों ने राज्य की सीमा में प्रवेश किया है जिन्हे अब क्वारांटाइन में रखा जायेगा। सरकार ने हाल ही में विदेश यााा करके लौटे लोगो से भी निकटतम जिला प्रशासन को अपना स्वास्थ्य विवरण देने को कहा है। अगर ऐसे लोग सरकार के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
इस बीच योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि दिहाड़ी मजदूरों को एक हजार रूपये भेजने का प्रबंध करें। मुख्यमंत्री ने सभी मकान मालिकों को भी निर्देश दिये हैं कि वे लाकडाउन के दौरान अपने किरायेदारों पर मकान का किराया देने का दवाब नहीं डालें। उन्होने कहा ” मैं उन तमाम प्रवासी मजूदरों से अपील करता हूं कि वे लाकडाउन अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश में आराम से रहे और अपने घरों की ओर न लौंटे। सरकार उनकी तमाम दिक्कतों का समाधान करेगी और उन्हे हर संभव मदद देगी। श्रमिको का पलायन कोरोना के संक्रमण को बढावा देगा जो देश हित में ठीक नहीं है।”
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