विदेशों में भी होगा यूपी की नर्सों का बोलबाला

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*मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भी इनके प्रशिक्षण की करें व्यवस्था – सीएम

 

 

 

लखनऊ। नर्सिंग का शाब्दिक अर्थ चाहे जो हो, लेकिन इस शब्द को सुनकर मन में भाव सेवा और समर्पण का ही आता है। संपूर्ण विश्व इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि नर्सिंग आज की स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ की हड्डी साबित हुई है। अभी तक जहां डॉक्टर हमारी स्वास्थ्य प्रणाली में केंद्र की भूमिका में रहे हैं वहीं नर्सों ने कोरोना महामारी में कंधे से कंधा मिलाकर स्वास्थ्य सेवाओं में अतुलनीय योगदान दिया है। सर्वाधिक आबादी वाले उत्‍तर प्रदेश राज्‍य में कोरोना काल में नर्सों और पैरामैडिकल स्‍टॉफ के विशेष योगदान के लिए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कई बार सार्वजनिक मंचों से उनकी प्रशंसा करते हुए उनके कार्यों के लिए आभार व्‍यक्‍त किया है। ऐसे में सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने बुधवार को नर्सिंग क्षेत्र में अपना करियर बनाने छात्र छात्रों के लिए बड़ी घोषणा की है। योगी सरकार नर्सिंग व पैरामेडिकल के लोगों को बड़ी राहत देने जा रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्‍तर प्रदेश में पिछले तीन दशकों से बंद पड़े राज्य सरकार के प्रशिक्षण संस्थानों के पुनर्संचालन की कार्ययोजना जल्‍द ही तैयार की जाएगी। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने आला अधिकारियों को एएनएम और जीएनएम के बेहतर प्रशिक्षण के लिए अवस्थापना सुविधाओं पर काम करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत प्रदेश में शुरूआत में 09 जीएनएम ट्रेनिंग स्कूल और 34 एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन करने की तैयारी योगी सरकार ने कर ली है। सीएम ने कहा कि हर संस्थान में मानकों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। उन्‍होंने क‍हा कि चिकित्सा संस्थानों में पर्याप्त कुशल फैकल्टी हो इस बात का पूरा ध्‍यान रखें। उन्‍होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भी इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

*केरल से बड़ा नर्सिंग हब बनेगा उत्‍तर प्रदेश*

सर्वाधिक आबादी वाले उत्‍तर प्रदेश में जीएनएम ट्रेनिंग स्कूल, एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन और प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भी इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था होने के बाद प्रदेश सबसे बड़ा नर्सिंग हब बनेगा। इस समय केरल में सबसे ज्‍यादा नर्सें हैं जो विदेशों में अपनी सेवा दे रहीं हैं ऐसे में यूपी में जब सभी सुविधाएं होंगी तो यूपी इस सेक्‍टर में रोजगार देने में सक्षम तो होगा ही वहीं विदेशों में भी यूपी के नर्सों का बोलबाला देखने को मिलेगा। डीजीएमई डॉ एनसी प्रजापति ने बताया कि चिकित्‍सा सुविधा बढ़ाने में नर्सों की अवश्यकता होती है। कोई भी संस्‍थान सही ढंग से क्रियाशील तब होगा जब वहां मानव संसाधन पर्याप्‍त मात्रा में हों। पिछली सरकारों ने इस विषय पर ध्‍यान नहीं दिया पर योगी सरकार ने साल 2017 से जब से सत्‍ता की कमान संभाली तब से अब तक यूपी की स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में ढेर सारे सकारात्‍मक बदलाव, सहूलियतें और सुविधाओं में इजाफा हुआ है।

 

*2017 से पहले मात्र तीन स्‍थानों पर था बीएससी नर्सिंग का कोर्स*

उन्‍होंने बताया कि साल 2017 के पहले बीएसस‍ी नर्सिंग का कोर्स मात्र तीन जगहों केजीएमयू, सैफई और कानपुर में था। लेकिन योगी सरकार के कार्यकाल में 11 कॉलेजों में बीएसस‍ी नर्सिंग का कोर्स शुरू हो चुका है। जिसमें केजीएमयू, पीजीआई, आरएमएल, सैफई, कानपुर, झांसी गोखपुर, प्रयागराज, आगरा, कन्‍नौज और ग्रेटर नोएडा में कोर्स चल रहा है।

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