लखनऊ। मोबाइल पर देर तक बात करनी है तो हेडफोन का प्रयोग करें। गर्दन और कंधे के बीच मोबाइल दबाकर बात ना करें। लैपटॉप को पैरों पर रखकर काम ना करें। जिस तरह से आफिस में बैठकर काम करते हैं, घर में भी उसी तरह से करें। लैपटॉप या डेस्कटॉप रखने के लिए ऐसा टेबल प्रयोग करें, जो आपके बैठने के बाद आंख के सीध में हो। एक घंटे के बाद 10 मिनट का ब्रेक लें। कमरे में ही इधर- उधर टहल लें। यह कहना केजीएमयू की प्रोफेसर और पेन विशेषज्ञ डा. सरिता सिंह का है-
इसके बाद भी दर्द बना रहता है तो चिकित्सक को दिखाएं। बिना डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारण के लिए कोई दवा ना लें। मनमानी तरीके से दवाएँ लेने से कुछ पल के लिए दर्द कम हो जाता है, लेकिन किडनी, लिवर सहित शरीर के विभिन्न हिस्से पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिए दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
उन्होंने बताया कि कैंसर मरीजों की देखरेख के लिए परिजनों को पैलेवेटिक केयर फिजिशयन की मदद लेनी चाहिए। यदि दवाओँ से दर्द में लाभ नहीं होता है तो नस को सुन्न (निरोलसिस) भी किया जाता है। दवा की मात्रा कम हो जाती है। दर्द से राहत मिल जाती है।
प्रोफेसर सरिता सिंह ने बताया कि यदि घुटनों में दर्द हो रहा है तो चिकित्सक को दिखाकर दवाएं लें। जांच से दर्द की वजह पता चलेगा। फिर उसी हिसाब से आपका इलाज चलेगा। कुछ दवाओँ और पीआरपी (प्लेटलेट रीच प्लाज्मा) थेरेपी से आराम मिल सकता है। यदि रिप्लेसमेंट जरूरी है और तत्काल आप नहीं कराना चाहते हैं तो इसके विकल्प के रूप में रेडियोफ्रिक्वेंसी मशीन के जरिए दर्द देने वाली नस को सुन्न किया जाता है। इससे आपको आराम मिल जाएगा।
बात करते समय बरतें सावधानी
मोबाइल पर देर तक बात करनी है तो हेडफोन का प्रयोग करें। गर्दन और कंधे के बीच मोबाइल दबाकर बात ना करें। लैपटॉप को पैरों पर रखकर काम ना करें। जिस तरह से आफिस में बैठकर काम करते हैं, घर में भी उसी तरह से करें। लैपटॉप या डेस्कटॉप रखने के लिए ऐसा टेबल प्रयोग करें, जो आपके बैठने के बाद आंख के सीध में हो। एक घंटे के बाद 10 मिनट का ब्रेक लें। कमरे में ही इधर- उधर टहल लें। इसके बाद भी दर्द बना रहता है तो चिकित्सक को दिखाएं।
वजन को नियंत्रित रखें नहीं होगा कमर दर्द
कमर दर्द की कई वजह होती है। वजन को नियंत्रित रखें। आगे झुककर भारी सामान ना उठाएं। यदि समस्या लगातार बनी हुई है तो चिकित्सक को दिखाएं। यह आपके डॉक्टर तय करेंगे कि आपको एमआरआई या अन्य जांच करानी है या नहीं। उन जांचों का आपकी परेशाने से क्या संबंध है। आप अपनी मर्जी से जांच न कराएं। यदि चिकित्सक सर्जरी कराने की सलाह दे रहे हैं तो घबराएँ नहीं। अब दूरबिन विधि से सर्जरी होती है, जो काफी आसान है।