उत्तर भारत में हीमोफीलिया मरीजों का बेस्ट सेंटर…

0
1206

लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का हेमेटोलॉजी विभाग उत्तर भारत का पहला हीमोफीलिया पेशेंट केयर सेंटर बन गया है। यहां पर मरीजों को तत्काल भर्ती कर इलाज करने, हीमोफीलिया मरीजों को आपरेशन में दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा। सेंटर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां पर इलाज के साथ फिजियोथेरेपी की सुविधा भी मौजूद है। इसे अब चिकित्सा क्षेत्र का उच्चस्तरीय क्रम्पेसिव केयर सेंटर जाने जाना लगा है।

Advertisement

विभाग प्रमुख डा. एके त्रिपाठी ने बताया कि उनके यहां फैक्टर आठ के लगभग 460 व फैक्टर नाइन के 180 मरीज है। हीमोफीलिया के मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कत आपरेशन कराने में होती थी। उन्हे यह चिंता सताती रहती थी किआपरेशन के वक्त उनके ब्लड का रिसाव होने पर फैक्टर कैसे मिलेगा, पर अब केजीएमयू के हेमेटोलॉजी विभाग दिक्कतों को दूरने में लगा है। यहां जरूरतमंद मरीजों की सर्जरी के वक्त ब्लड फैक्टर भी उपलब्ध करा देता है,ताकि उन्हें कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े। इसके अलावा हेमेटोलॉजी विभाग में क्रम्पेसिव केयर सेंटर में मरीजों को बेहतर जीवन जीने के लिए आत्मविश्वास पैदा करता है।

हीमोफीलिया के मरीज को डर रहता है कि कहीं उसे अचानक ब्लड का रिसाव ज्यादा हो गया तो ऐन मौके पर दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। डाक्टर भी आपरेशन करने से कतराता था अगर आपरेशन कराना आवश्यक हो जाता था तो मरीज को किसी बड़े अस्पताल ही भेजा जाता था, ऐसे में आर्थिक स्थित से कमजोर मरीज को इलाज का खर्च उठाना मुश्किल हो जाता था। उन्होंने हीमोफीलिया के मरीजों को आपरेशन कराना शुरू कर दिया है। डा. त्रिपाठी के अनुसार वर्ष 2017 में अब तक 12 सर्जरी हो चुकी है। कूल्हा प्रत्यारोपण, ट्रामा इंजरी, कैंसर के मरीज भी शामिल है।

विभाग इन मरीजों के सर्जरी करने वाले विभाग के डाक्टरों से सम्पर्क करके आवश्यकता अनुसार फैक्टर की उपलब्धता को देखता है, उसके बाद उस मरीज की सर्जरी करा दी जाती है। उन्होंने बताया कि यहां पर 24 घंटे हीमोफीलिया के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इसके अलावा क्राम्प्रेसिव केयर सेंटर में लगातार हीमोफीलिया के मरीजों को फिजियोथेरेपी से काफी मरीज खुद चल कर गये है।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleबच्ची की मौत पर आक्रोशित तीमारदारों आैर डाक्टरों में मारपीट
Next articleकेजीएमयू का यह विभाग तलाश कर रहा अपनी जगह

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here