लखनऊ। डफरिन अस्पताल में यूपीएचएसएसपी उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट के तहत मरीजों को बेहतर इलाज करने के लिए सात इमरजेंसी मेडिकल अफसर (ईएमओ) तैनात किए गए थे। इनका वेतन एजेंसी दे रही थी। बताते है कि मार्च के बाद से इन डॉक्टरों का वेतन रूका था। इससे नाराज डॉक्टर अस्पताल छोड़कर चले गए थे। डाक्टरों के जाने से एनएचएम ने आनन-फानन में डॉक्टरों के रूके हुए वेतन को जारी करने का निर्देश दिया है।
अगर देखा जाए डफरिन अस्पताल में 326 बिस्तरों पर मरीजों का इलाज होता हैं, यहां पर आंकड़ों के अनुसार लगभग दो हजार मरीज ओपीडी में आते है। लगभग 30 से मरीजों की भर्ती होती है। इमरजेंसी में मरीजों के बेहतर इलाज देने के लिए व मरीजों की भर्ती के लिए यूपीएचएसएसपी ने अस्पताल को सात इएमओ दिए थे। वहीं कंपनी का अनुबंध मार्च महीने में पूरा हो गया। मई महीने तक अस्पताल में वेतन न मिलने से करीब पांच डॉक्टर अस्पताल को छोड़कर चले गए।
अस्पताल में महज दो इएमओ ही रह गए। इससे इमरजेंसी संचालन में दिक्कत आ रही है, मरीजों को भर्ती करने में परेशानी हो रही है। अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरा जैन के मुताबिक, एनएचएम से वेतन जारी करने की मांग किया था।
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