लखनऊ। गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर आयुर्विज्ञान संस्थान के लोहिया हॉस्पिटल ब्लॉक के डॉक्टर व कर्मचारियों का वेतन अधर में लटक गया है। संस्थान प्रशासन भी कोई हल न निकाल पाने से वेतन का देने की बजाय मामले से बच रहे हैं। हॉस्पिटल ब्लॉक के अधिकारियों का कहना है कि लिपिक संवर्ग के सभी कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया है। ऐसी दशा में डॉक्टर व कर्मचारियों के वेतन संबंधी दस्तावेज तैयार कराने में दिक्कत आ रही है। उधर स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक से लिपिक संबंधी मामला निपटाने के निर्देश दे दिया है। फिलहाल लोहिया के कर्मचारियों ने मंगलवार को दो घंटे कार्यबहिष्कार का ऐलान किया है।
संस्थान में विलय के बाद लोहिया हॉस्पिटल में संबद्ध डॉक्टर व कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। तीसरा महीना भी बीत रहा है। डॉक्टर व कर्मचारी शासन-प्रशासन से वेतन के लिए गुहार लगा रहे हैं। शासन ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक डॉ. राजीव बंसवाल को हॉस्पिटल का आहरण वितरण अधिकारी बनाया गया है। डॉ. बंसवाल ने लोहिया हास्पिटल ब्लाक के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला को पत्र लिखकर डॉक्टर व कर्मचारियों की उपस्थिति आदि का ब्यौरा मांगा है।
डॉ. देवाशीष शुक्ला ने स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र लिखकर हॉस्पिटल के सभी लिपिक के तबादले होने की जानकारी दी थी। कहा गया है कि बिना लिपिक के वेतन संबंधी जानकारी, बिल व उपस्थिति आदि का ब्यौरा एकत्र करना मुश्किल है। इस कारण अब तक स्वास्थ्य महानिदेशालय को हॉस्पिटल के डॉक्टर व कर्मचारियों के वेतन संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जा सका। अधिकारियों तर्क है कि लिपिक संवर्ग के कर्मचारी हॉस्पिटल में हैं या नहीं इससे महानिदेशालय का कोई लेना देना नहीं है। हमारी जिम्मेदारी वेतन जारी करना है। जानकारी मिलते ही वेतन भेज दिया जाएगा।
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