लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में बुधवार को कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए गणतन्त्र दिवस की 73 वीं वर्षगाठ मनाई गई। इस अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रांगण में विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी द्वारा विश्वविद्यालय के चिकित्सकों, अधिकारियों, छात्रों एवं कर्मचारियों के मध्य ध्वजारोहरण किया गया। इस अवसर पर कुलपति द्वारा विगत वर्षो में चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र प्राप्त की गई उपलब्धियों एवं भविष्य की योजनाओं से आमजनमानस को अवगत कराया गया।
कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1950 में विश्व के सबसे बडे़ लोकतात्रिंक देश द्वारा 200 वर्षो की अंग्रेजों की पराधीनता के बाद देश के आम-नागरिकों को स्वतन्त्र भारत में समान रूप से एकता एवं अखण्डता के साथ अध्यासन हेतु एक लिखित विधान को अपनाया गया, जिसे भारत का संविधान नाम दिया गया और इस दिन भारत एक गणतन्त्र के रूप में स्थापित हुआ।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि आज 73 वर्षो के समयावधि में हमारे देश ने कई कठिनाईयों एवं समस्याओं का सामना करते हुए प्रगति के नये आयामों को स्थापित किया है और इस प्रगति में भारत के सभी नागरिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे देश के विकास क्रम में केवल प्रत्येक जन की भागीदारी ही नहीं है, अपितु देश के प्रत्येक संस्थानों की भी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष भूमिका होती है और इस भूमिका में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय जैसे अति-प्राचीन, महत्वपूर्ण एवं विख्यात संस्थान की भूमिका अत्यन्त ही महत्वपूर्ण एवं अपरिहार्य है।
हमारे लिए यह गर्व का विषय होने के साथ ही अत्यन्त ही विशाल उत्तरादायित्व भी है कि हम सभी की समाज के स्वास्थ्य वातावरण की स्थापना में सक्रिय भागीदारी है।
कुलपति द्वारा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों के इस कोरोना महामारी के समय में महत्वपूर्ण योगदान पर भरपूर सराहना की गयी । उन्होंने कोरोना महामारी के समय अपनी जान देने वाले केजीएमयु परिवार के सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। कुलपति ने सभी केजीएमयू सदस्यों को समय के साथ बूस्टर डोज लेने एवं कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए प्रेरित किया |
- इस अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो0 विनीत शर्मा एवं सभी संकाय के अधिष्ठाता, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एस.एन.शंखवार, अधीक्षक, उप अधीक्षक, कुलसचिव, वित्त अधिकारी तथा विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारीगण, संकाय सदस्य, छात्र एवं कर्मचारीगण मुख्य रूप से उपस्थित रहे।