लखनऊ। दांतों में इम्प्लांट के चारों ओर की हड्डी विकसित होने के लिए अब तीन से चार महीने का वक्त नहीं लगेगा। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत संकाय विशेषज्ञों ने विशेष मैग्नेट (चुम्बक) के प्रयोग से इम्प्लांट के चारो ओर हड्डी (बोन) को एक महीने में ही विकसित करना शुरू कर दिया है। इसके बाद दांत को तुरंत लगा दिया जाता है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत दस मरीजों पर मैग्नेटिक इम्प्लांट हीलिंग सफल हो चुका है। अब सभी मरीजों को इसका फायदा होगा।
दंत संकाय के प्रोस्थोडॉटिक्स विभाग के वरिष्ठ डा. लक्ष्य के नेतृत्व में मैग्नेटिक इम्प्लांट हीलिंग पर प्रयोग शुरू किया। डा. लक्ष्य ने बताया कि अभी तक इम्प्लांट के बाद जबड़े की हड्डी को चारो विकसित करने में तीन से चार महीने का वक्त लगता था। इसके बाद दांत को लगा दिया जाता है।
परन्तु इजरायल के एक विशेष प्रकार के मैग्नेट को जबड़े में लगे इम्प्लांट के ऊपर लगा कर टाइट कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस विशेष प्रकार के तीन एमएम डायमीटर मैग्नेट से वहां पर चुम्बकीय क्षेत्र बन जाता है, जो कि चारों ओर की हड्डी को विकसित करता है। एक महीने के बाद ही तीन में महीने में बढ़ने वाली जबड़े की हड्डी विकसित हो जाती है आैर मैग्नेट को हटाकर दांत लगा दिया जाता है। इस प्रक्रिया में खास बात यह रहती है कि हड्डी बढ़ने के बाद मैग्नेट दूसरी बार प्रयोग के लायक नही रह जाता है। डा. लक्ष्य ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट में दस अलग- अलग मरीजों पर किया गया। यह सफलता मिलने के बाद जल्द ही इसे इम्प्लांट कराने वाले अन्य मरीजों पर भी प्रयोग किया जाएगा। इस मैग्नेट की कीमत लगभग ढाई हजार रुपये आती है। लेकिन मरीज के इम्प्लांट के बाद दांत एक महीने में ही लग जाता है। इस प्रोजेक्ट में डा. लक्ष्य के साथ डा. यूएस पाल, डा, मयंक तथा डा. आकांक्षा भी शामिल थी।
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