न्यूज। यदि आप बढती उम्र की बीमारियों से बचना चाहते हैं। इसके साथ ही बढ़ती उम्र में भी बीमारी मुक्त रहना चाहते हैं तो व्रत या उपवास करना आपके लिए बेहतर हो सकता है। यह बाते एक अध्ययन में निकल कर आयी है। हालांकि विदेश में हुए अनुसंधान में अब यह पता चला है कि लेकिन भारत में लोग हेल्थ रहने के लिए प्राचीन काल से एक व्रत रखने की परम्परा है। भले ही यह किसी देवी – देवता के नाम पर किया जाता है, लेकिन इन सब के पीछे स्वस्थ्य रहना ही प्रमुख उदेश्य रहता है।
एक लम्बे चले अनुसंधान में कहा गया है कि उपवास रखने से शरीर की चयापचय प्रक्रिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है आैर आयु संबंधी बीमारियों को दूर रखने में मदद मिलती है। ऐसा माना जाता है कि भोजन मनुष्य के ‘ बॉडी क्लॉक” को प्रभावित करता है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं था कि भोजन की कमी का इस पर क्या असर पड़ता है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में प्रो. पाओलो सास्सोने कोर्सी ने कहा, ”हमनें पाया कि भोजन नहीं करने से शरीर के भीतर सिर्केडियन क्लॉक आैर उपवास संचालित कोशिकीय प्रतिक्रियाओं पर प्रभाव पड़ता है।””
यह अनुसंधान चूहों पर किया गया जिन्हें 24 घंटे तक कुछ खाने को नहीं दिया गया। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि खाना नहीं दिए जाने के दौरान चूहों ने ऑक्सीजन की खपत, आरईआर (चयापचय के दौरान पैदा हुई कार्बनडाईऑक्साइड एवं इस्तेमाल की गई ऑक्सीजन की मात्रा के अनुपात)आैर ऊर्जा खपत में कमी दिखाई। खाना दिए जाने के बाद ऐसा होना बंद हो गया। मनुष्यों में भी इसी प्रकार का परिणाम देखा गया है। कोर्सी ने कहा कि यदि समयबद्ध तरीके से उपवास किया जाए तो इससे शरीर की कोशिकीय प्रणाली पर सकारात्मक असर पड़ेगा जो अंतत: स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा आैर बढती आयु संबंधी बीमारियों से बचाएगा।
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