लखनऊ। चिकित्सा के क्षेत्र में नर्सिंग का कार्य एक महान कार्य है। एक प्रशिक्षित नर्स से ज्यादा जरूरी है कि वह मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण हो। नर्स के मन में मरीजों के प्रति ऐसी भावना होनी चाहिए, जिसमें वह इलाज के साथ व्यवहारिक भी हो सके। यह बात केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने केजीएमयू के कॉलेज ऑफ नर्सिंग के 2018 बैच के नवआगंतुक विद्यार्थियों के लैम्प लाइटिंग सेरेमनी कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
अटल बिहारी वाजपेयी साईंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि चिकित्सा विश्वविद्यालय में वर्ष 1914 में क्लीनिकल और नर्सिंग सेवाओं का प्रारम्भ हुआ था। उन्होंने नये बैच को सम्बोधित करते हुए कहा कि नर्सिंग के क्षेत्र में एक बेंच मार्क बनना है। चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा ऐसी ही नर्सो का निर्माण इस संस्थान में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में नवआगंतुक विद्यार्थियों द्वारा शपथ लेकर एवं दीप प्रज्जवलित कर इस महान सेवा के शिक्षण एवं प्रशिक्षण में औपचारिक प्रवेश लिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अधिष्ठाता नर्सिंग संकाय प्रो. मधुमति गोयल के स्वागत सम्बोधन से हुआ। इस अवसर पर उनके द्वारा कॉलेज की वार्षिक प्रगति विवरण प्रस्तुत किया गया।
उन्होनें बताया वर्ष 2015 में केजीएमयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग की स्थापना के बाद से यहां 100 सीटों पर बीएससी नर्सिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एमएससी नर्सिंग की प्रार भ में दो विशेषताआ ें के साथ 10 सीटें थी जो की वर्तमान में बढ़कर 50 हो गई है। इसके अलावा 77 सीटों पर जीएनएम नर्सिंग का प्रशिक्षण तथा एनएचएम द्वारा प्रायोजित एवं वित्त पोषित 60 सीटों पर 6 माह का सर्टिफिकेट प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। प्रो गोयल ने कहा कि नर्सिंग के विद्यार्थियों के लिए यह एक विशिष्ट अवसर है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास 112 वर्षा ें से भी ज्यादा पुराना ह ै।
इस संस्थान द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में, मरीजों के देखभाल के लिए एक कुशल और योग्य स्नातक नर्स को बनाया जाता है। इसी क्रम में आप सब को भी कुशल, निपुण और मरीजों की उत्कृष्ट देखभाल करने वाला स्नातक नर्स बनना है। कार्यक्रम में बीएससी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष की छात्रा रेचल प्रिंसी चाको थामस द्वारा लोरेंस नाइटिंगेल के जीवन के ऊपर पॉवर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर बीएससी नर्सिंग परीक्षा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली विद्यार्थियों को कुलपति द्वारा प्रमाणपत्र व मेडल प्रदान किए गए।
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