लखनऊ। कड़ाके ठंड में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से लिम्ब सेंटर में मरीज संग तीमारदार ठिठुरने को मजबूर हैं। यहांं के वार्डो में लगी खिड़कि यों के शीशे टूटे पड़े हैं, वार्ड में ठंडी हवा से तीमारदारों ने अपने मरीजों को ठंड से बचाने के लिए टूटे शीशों पर पेपर व गत्ता चिपकाया है। वार्डो में कही पर ब्लोवर नहीं चलता है आैर न ही हीटर जलता है। ऐसे में मरीज संग तीमारदार भी ठंड से परेशान है। जबकि डाक्टरों के कमरें ब्लोअर से लेकर हीटर तक लगे हुए है।
लिंब सेंटर में दो विभाग का वार्ड चल रहा है। सर्जरी के बाद यहां पर मरीजों को शिफ्ट किया जाता है, जो कि लम्बे समय तक भर्ती रहते है। भवन के दूसरे-तीसरे व चौथे तल पर लगी ज्यादातर खिड़कियों के शीशे टूटे हैं। ऐसे में कोहरा से लेकर ठंडी हवा सीधे वार्ड में मरीजों के साथ तीमारदारों को बीमार कर रही है। ठंडी हवा रोकने के लिए तीमारदारों ने पेपर टूटे शीशों पर चिपका रखे हैं। इतना ही नहीं परदे के जरिए ठंडी हवा अंदर आने से रोकी जा रही है। कहीं- कही मरीजों ने गत्ता लाकर लगा दिया है। मरीज शमशेर ने बताया कि वार्ड में रूम हीटर तक नहीं है। शीशे टूटे होने की वजह से ठंड बहुत लगती है। वहीं मरीज आनंद ने बताया कि शीशे टूटे हुए हैं। ठंड हवा तीसरे तल पर आसानी से घुसती है। ठंड से बचाव के लिए किसी भी वार्ड में कोई भी खास व्यवस्था नहीं है। तीमारदारों का कहना है कि रात में ठंडी हवा से नींद तक नहीं आती है।
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