लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में कोरोना मरीजों को भर्ती ही नहीं, वही काम करने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों को भी भर्ती होने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। आरोप है कि केजीएमयू प्रशासन अपने ही जूनियर डाक्टरों की भर्ती को लेकर उदासीन बना हुआ है । आलम यह है कि कोरोना संक्रमित चार रेजीडेंट डॉक्टरों को अपने ही संस्थान में करीब 20 घंटे बिस्तर पर भर्ती होने के लिए संघर्ष करना पड़ा । जब रेजीडेंट डाक्टरों ने हड़ताल की चेतावनी दी तो देर शाम उन्हें वार्ड में भर्ती किया गया। उधर देर शाम को दो अन्य रेजीडेंटों की रिपोर्ट भी पॉजीटिव मिली है।
रेजीडेंट डाक्टरों का कहना है कि वह और उनके साथी वार्ड से लेकर होल्डिंग एरिया तक लगातार ड्यूटी कर रहे हैै, उनके वरिष्ठ ही अब शोषण करने लगे हैं। आरोप है कि पॉजीटिव आने के बाद उन्हें भर्ती होने के लिए बिस्तर ही नहीं दिया जा रहा था। उनका कहना है कि ऑर्थोपेडिक्स विभाग में कार्यरत एक रेजीडेंट डाक्टर और मेडिसिन विभाग के चार रेजीडेंट डाक्टरों की रिपोर्ट बृहस्पतिवार को पॉजीटिव आयी थी। आरोप है कि केजीएमयू के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई तो उन्हें हॉस्टल में क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई। जब वह लोग हॉस्टल पहुंचे, दूसरे दिन वहां रहने वाले अन्य डाक्टरों को इसकी जानकारी मिलने पर वहां पर क्वारंटाइन होने का ऐतराज़ जताया।
लगातार बढ़ती जा रही समस्याओं को देखते हुए दोपहर करीब 12 बजे ज्यादातर रेजीडेंट डाक्टर भी लामबंद हो गये और साथियों के भर्ती ना होने पर आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली ।विवाद बढ़ता देख शाम को उन्हें वार्ड में भर्ती करने का फैसला लिया गया। बताया जाता है कि शाम को दो अन्य रेजीडेंट डाक्टर भी पॉजीटिव पाए गए हैं। एक साथ छह रेजीडेंट डाक्टरों के पाजीटिव पाए जाने से केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टरों में अफरा तफरी मची है। आंकड़ों के अनुसार अब तक यहां करीब 35 रेजीडेंट डाक्टर पॉजीटिव आ चुके हैं, जबकि 52 से ज्यादा कर्मी भी संक्रमित पाए गए हैं।
रेजीडेंट डाक्टरों का आरोप है कि संक्रमित होने पर क्वॉरेंटाइन करने की भी व्यवस्था नहीं है। संक्रमित होने पर उन्हें होम आइसोलेशन में जाने की सलाह दी जा रही है। जबकि रेजीडेंट डाक्टरों का कहना है कि वे अस्पताल में कार्य करते हुए पॉजीटिव हो रहे हैं तो केजीएमयू प्रशासन को इलाज व क्वॉरेंटाइन में रहने की व्यवस्था करनी चाहिए।
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ सुधीर का कहना है कि बेड की उपलब्धता के आधार पर मरीजों की भर्ती की जा रही हैं। गंभीर मरीजों को पहले लेते हैं। शाम को जिस रेजीडेंट को बुखार था, उसे भर्ती कर लिया गया है। अन्य को भी भर्ती करने की प्रक्रिया चल रही है।