दिल का दौरा आखिर क्यों पड़ता है. हार्ट अटैक के दौरान शरीर के भीतर क्या होता है, जानिये ये जरूरी जीवनरक्षक जानकारी.
हार्ट अटैक से पहले
आमतौर पर दिल बेहद स्वस्थ और मजबूत कोशिकाओं से बना होता है. लेकिन आलसी जीवनशैली, बहुत ज्यादा फैट वाला खाना खाने और बहुत ज्यादा धूम्रपान करने के अलावा आनुवांशिक कारणों से भी दिल की सेहत खराब होने लगती है.
रक्त वाहिकाओं में गड़बड़
हमारा हृदय लगातार शरीर के हर हिस्से को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है. फेफड़ों से आने वाली ऑक्सीजन खून में मिलकर शरीर के बाकी हिस्सों तक जाती है. हार्ट खून को पंप कर शरीर में दौड़ाता है. लेकिन बढ़ती उम्र या खराब जीवनशैली के साथ खून पहुंचाने वाली धमनियां बाधित होने लगती हैं.
धमनियों के भीतर
आर्टिलरी कही जाने वाली धमनियों के भीतर धीरे धीरे प्लैक जम जाता है. प्लैक नसों को संकरा बना देता है, इससे खून का बहाव बाधित होने लगता है. यहां से हार्ट अटैक के खतरे की शुरूआत होती है.
आर्टिलरी का बंद होना
धमनी में बहुत ज्यादा प्लैक जमने के बाद अगर पीड़ित इंसान अगर दौड़ भाग वाला काम करे गंभीर नतीजा होता है. शरीर को ज्यादा ऊर्जा देने के लिए हार्ट बहुत तेजी से धड़कने लगता है. लेकिन इस दौरान संकरी धमनी में लाल रक्त कणिकाएं का जमावड़ा होने लगता है और रक्त का प्रवाह रुक जाता है.
ऑक्सीजन की कमी
बंद धमनी, हार्ट को पर्याप्त खून और ऑक्सीजन मुहैया नहीं पाती है. बस फिर हमारा हृदय ऑक्सीजन के लिए छटपटाने लगता है. धड़कन और तेज हो जाती है. सांस लेने में हरारत होने लगती है.
इमरजेंसी सिग्नल
ऑक्सीजन के लिए छटपटाता दिल मस्तिष्क को इमरजेंसी सिग्नल भेजता है. वहीं दूसरी तरफ पसीना आने लगता है, जी मचलने लगता है. ऐसा होने पर बिना देर किये तुरंत अस्पताल जाना चाहिए.
सीने में मरोड़
मस्तिष्क से इमरजेंसी सिग्नल रीढ़ की हड्डी को भेजे जाते हैं. मस्तिष्क शरीर के दूसरे हिस्सों की ऑक्सीजन सप्लाई कम कर देता है. इसके चलते शरीर में दर्द होने लगता है. गर्दन, जबड़े, कान, कंधे, बांह दुखने लगते हैं. सीने के बीचों बीच मरोड़ सा दर्द उठने लगता है.
दर्द कब तक
जवान लोग हल्का फुल्का अटैक झेल लेते हैं. वैसे हार्ट अटैक के चलते उठने वाला दर्द कुछ मिनट से लेकर कई घंटों तक रह सकता है. यह फिर लौटता भी है. अगर ऐसा हो तो तुरंत बेहद आरामदायक तरीके से अस्पताल जाना चाहिए.
अंत में कार्डिएक अरेस्ट
अगर समय पर इलाज न किया जाए तो हार्ट अटैक के बाद दिल की मांसपेशियां धीरे धीरे मरने लगती है. और आखिरकार दिल काम करना बंद कर देता है. इसके बाद तीन से सात मिनट के बीच मस्तिष्क की कोशिकाएं भी मरने लगती है.
अटैक के बाद
अटैक के दौरान हार्ट का जो हिस्सा मर जाता है, वो कभी ठीक नहीं हो पाता. इसीलिए हर पल महत्वपूर्ण होता है. दिल के मरीजों को स्वस्थ रहने के लिए खास मशविरे दिये जाते हैं.
यह भी जरूरी
अगर हार्ट अटैक के बाद धड़कन बंद हो जाए और रोगी बेहोश हो जाए तो एक हथेली को दूसरी हाथ के ऊपर रख कर जोर जोर से उसके सीने को बीच में दबाना चाहिए. ऐसा कम से कम 120 बार करना चाहिए. कई बार यह बहुत मददगार साबित होता है.
कैसे रहे दिल सेहतमंद
बहुत ज्यादा वसा वाला खाना न खाएं. नियमित रूप से फल, सलाद और हरी सब्जी खाएं. शरीर को थकाना बहुत जरूरी है, इसीलिए नियमित कसरत करें. इसके अलावा तबियत खराब होने पर खुद डॉक्टर न बनें.