खिलाड़ियों की डाइट –
किसी खेल में जीत के लिए खिलाड़ियों की मेहनत जितनी जरूरी है उतना ही जरूरी होता है उनका भोजन। जीतने के लिए खिलाड़ी को ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिसके लिए वह विभिन्न प्रकार के भोज्य पदार्थों का सेवन करता है। इसी के दम से उनके खेलने की क्षमता बढ़ती है और वह पूरे दमखम के साथ खेल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं। इनडोर और आउटडोर गेम्स में कई प्रकार के खेल खेले जाते हैं। इनके लिए अलग-अलग भोजन और ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके दम पर ही वह जीत का जश्न मनाते हैं या फिर नए टूर्नामेंट के लिए प्रेरित होते हैं। इसके लिए वह शाकाहार या मांसाहार का रास्ता चुनते हैं। जिससे उन्हें पोषक तत्व मिलते हैं।
पोषण के लिए एक खिलाड़ी को निम्न चीजों की आवश्यकता होती है –
जिनमें उन्हें प्रोटीन पाउडर, क्रेटिन पाउडर, ड्रिंक, अंडा, दूध, दलिया, केला, चना, गुड़, दाल, चावल, हरी सब्जी, रोटी और मक्खन, मांसाहारी खिलाड़ियों को मटन और चिकन आदि दिया जाता है। शाम के लिए दाल, चावल, हरी सब्जी, रोटी मक्खन और रात को सोते वक्त दूध।
कबड्डी हो, हॉकी या फिर क्रिकेट इन सभी खेलों में खिलाड़ी बार-बार घायल होते रहते हैं। ऐसा नहीं है कि अन्य स्थानों पर खिलाड़ी घायल नहीं होते। फिर भी कहीं न कहीं उपयुक्त पोषण न होने की वजह से खिलाड़ियों को चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। यूं कहें कि इसीलिए स्टेमिना में हमारे खिलाड़ी मात खा जाते हैं। इसकी वजह कहीं बचपन और किशोरावस्था में पौष्टिक आहार की जगह, उनका साधारण खान-पान तो नहीं? ऐसा भी हो सकता है कि वह आवश्यकता से अधिक पोषक तत्व ग्रहण कर रहा हो जबकि उसे उतने की आवश्यकता भी न हो। इसी के चलते कई बार खिलाड़ी खान-पान के चक्कर में अनजाने ही सही अपना भार बढ़ा लेते हैं फिर वह रिकवरी के लिए परेशान रहते हैं।
खान पान के विशेषज्ञ और जानकार भी खिलाड़ियों के खाने-पीने को लेकर विशेष ध्यान रखने की बात करते हैं।
उनका मानना है कि खिलाड़ी खाएंगे-पीएंगे तभी तो अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। खिलाड़ियों की मेहनत जितनी जरूरी है उतना ही जरूरी होता है उनका भोजन भी, और बात जब खेलों में जीतने की हो, तो कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता।